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सादे समारोह के रूप में अबकी बार मनाया गया घुरहूपुर का बौद्ध महोत्सव

भगवान बुद्ध ने कहा है कि आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईष्या कीजिए, घृणा से घृणा नहीं प्रेम से खत्म होती है। यह शाश्वत सत्य है, स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है और संतोष सबसे बड़ा धन है वफादारी सबसे बड़ा संबंध है।
 

इस साल नहीं आए किसी राजनीतिक दल के लोग

बौद्ध भिक्षुओं ने परंपरा का किया निर्वहन

चंदौली जिला के चकिया तहसील क्षेत्र के बौद्ध स्थल घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव गुुरूवार को परंपरागत से मनाया गया। इस दौरान उपस्थित जनों ने भगवान बुद्ध के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर मोमबत्ती जलाकर पूजन अर्चन किया। इस दौरान बुद्धम शरणम गच्छामि, धम्मम शरणम गच्छामि, संघम शरणम गच्छामि के उद्घोष से बौद्ध स्थल की पहाड़ी एक बार फिर गूंज उठी।

Buddha Mahotsava

 बताते चलें कि शादे समारोह के रूप में मनाए जाने वाले अबकी बार महोत्सव में बौद्ध विहार सारनाथ (वाराणसी) से आए भंते बुद्ध ज्योति रत्न ने कहा कि भगवान बुद्ध का धम्म दुनिया में सर्वोपरि है। अहिंसा, करुणा, दया तथा मानवता का संदेश देकर भगवान बुद्ध ने मानव को सत्य के मार्ग पर चलने का मार्ग बताया। भगवान बुद्ध ने कहा है कि आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईष्या कीजिए, घृणा से घृणा नहीं प्रेम से खत्म होती है। यह शाश्वत सत्य है, स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है और संतोष सबसे बड़ा धन है वफादारी सबसे बड़ा संबंध है।

Buddha Mahotsava

  डॉ राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने समस्त मानव जाति को जो संदेश दिया है उसे आत्मसात कर हम सभी मानवता, भाईचारा और प्रेम का वातावरण बना सकते हैं।

Buddha Mahotsava

   इस अवसर पर भंते धम्म चक्रधारी, भंते धम्म मनगोई बौद्ध, धम्म प्रकाश, धम्म आनंद, धम्म विजय, धम्म सेवक, धम्म ज्योति ने भी अपने विचार व्यक्त किया। वहीं रमाशंकर राजभर मुंसे मोहम्मद जानी, लाल बिहारी शास्त्री, महेंद्र राजभर, सुभाष राजभर, शिवशंकर, मुन्ना राजभर, चिथरू, चंदन राजभर, सुभाष यादव आदि लोग उपस्थित रहे।

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