बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही संभव है विश्व शांति, ऐसे थे विधायक कैलाश आचार्य के उद्गार
घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव का आयोजन
घुरहूपुर पहाड़ी पर जुटे बौद्ध अनुयाई
श्रद्धालुओं ने किया तथागत के दर्शन
चंदौली जिला की चकिया तहसील अंतर्गत घुरहूपुर में बौद्ध महोत्सव का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तथागत गौतम बुद्ध के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।

महोत्सव के मुख्य अतिथि विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि आज की दुनिया में अगर किसी एक मार्ग से स्थायी शांति स्थापित की जा सकती है, तो वह मार्ग भगवान बुद्ध का है। उन्होंने कहा कि बुद्ध ने अहिंसा, करुणा, और सत्य के माध्यम से मानवता को एकता और प्रेम का संदेश दिया था। यदि हम उनके उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात कर लें, तो समाज से वैमनस्य, हिंसा और द्वेष का स्वतः अंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध का सिद्धांत केवल धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला हैं, जो हर युग में प्रासंगिक रही है।

विधायक श्री आचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में जब समाज विभाजन और तनाव की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में आवश्यक है कि लोग बुद्ध के विचारों से प्रेरणा लेकर आपसी भाईचारे और शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को भी करुणा, सेवा और सत्य की शिक्षा दें ताकि आने वाली पीढ़ी एक बेहतर समाज का निर्माण कर सके।

विशिष्ट अतिथि श्यामजी सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध ने जिस समय शांति और अहिंसा का संदेश दिया, उस समय समाज अशांति और हिंसा से जूझ रहा था। उन्होंने कहा कि आज भी दुनिया उन्हीं समस्याओं का सामना कर रही है युद्ध, आतंक और नफरत से भरे वातावरण में बुद्ध का संदेश ही मानवता को बचाने की राह दिखा सकता है।

चौधरी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि बुद्ध ने हमें आत्मसंयम, सहिष्णुता और करुणा जैसे गुणों को अपनाने का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने भीतर की नकारात्मकता पर विजय पा लेता है, वही सच्चा बौद्ध मार्गी कहलाता है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि दशरथ सोनकर, सोहन चौहान, जैराम कुशवाहा,सुबाष यादव, रमाशंकर राजभर, महेन्द्र राजभर,श्रवण मौर्य, राकेश सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेन्द्र सिंह तथा संचालन वशिष्ठ मौर्य ने किया।
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