चकिया के महिला चिकित्सालय का हाल बेहाल, SDM समय निकालकर चेक करिए अस्पताल

कौन करेगा महिलाओं का इलाज
महिला अस्पताल में न तो प्रभारी चिकित्साधिकारी न तो कोई चिकित्सक
घंटों इंतजार करके लौट जाया करते हैं मरीज
चंदौली जिला के चकिया नगर पंचायत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (महिला) में प्रायः चिकित्सक गायब रहते हैं। यहां तक की प्रभारी चिकित्साधिकारी का भी पता नहीं चलता है। इलाज के लिए परिजनों के साथ आने वाली महिलाएं सुबह से ओपीडी के बंद होने तक इंतजार करने के बाद बैरंग वापस लौट रही हैं। लेकिन ना तो किसी चिकित्साधिकारी तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी का ही अस्पताल में पता हैं। सिर्फ पर्ची काटने वाले स्टाफ के सहारे पूरे अस्पताल को चलाया जा रहा है।

बताते चलें कि अस्पताल में महीनों से चल रहे दुर्व्यवस्था के आलम का तब पता चला जब चंदौली समाचार की टीम मंगलवार की दोपहर में अस्पताल का पड़ताल करने पहुंची। तब तक इलाज के लिए आने वाली बहुत सी महिलाएं वापस जा चुकी थी। जबकि वहीं मौजूद सरिता देवी, रीना, सुनीता, जमीला, सितारा ने बताया कि वह अस्पताल में दो घंटे से बैठी हुई थीं। इन लोगों ने बताया कि वह पहली बार अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई है तो कोई भी डॉक्टर यहां मौजूद नहीं है।
काउंटर पर पर्ची काटने वाले स्टाफ से पूछने पर उन्होंने बताया कि डॉ अंशुल सिंह आज नहीं आएंगी, आगे किस दिन आएंगी कोई जानकारी नहीं है। जबकि वहीं दूसरी महिला चिकित्साधिकारी अमृता राठौर भी अक्सर गायब रहती है। कहने को तो अस्पताल में प्रभारी सहित 11 स्टाफ की नियुक्ति है। एक चिकित्सक, दो महिला चिकित्सक, दो फार्मासिस्ट, तीन स्टाफ नर्स, एक वार्ड सहायक, एक परिचायक को मिलाकर कुल 11 स्टाफ की नियुक्ति है। अस्पताल की दीवार पर पूरे स्टाफ का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित है। लेकिन प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ विकास सिन्हा का जो मोबाइल नंबर अंकित है, उस पर फोन मिलाने पर स्विच ऑफ बताता है। ऐसी स्थिति में अस्पताल की सही जानकारी किसी से नहीं मिल पाती।
अस्पताल में ओपीडी खोलने का समय सुबह 8 से 2 बजे तक का है। जबकि अस्पताल में मौजूद कुछ मरीजों ने नाम बताएं बगैर कहा कि साहब अस्पताल में डॉक्टर लोगों का आने का कोई टाइम निर्धारित नहीं रहता कब डॉक्टर लोग आएंगे कब नहीं आएंगे कोई ठीक नहीं है। यह हाल सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि महीनों से चल रहा है। इतना ही नहीं चिकित्सा प्रभारी भी अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी तरह से लापरवाह है। ऐसी स्थिति में अस्पताल की दुर्व्यवस्थाओं का शिकायत मरीज किससे करने जाए। कई बार से चक्कर काटने के बाद परेशान मरीज अंत में जिला संयुक्त चिकित्सालय का शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं।
चंदौली समाचार के संवाददाता ने प्रभारी चिकित्साधिकारी की मोबाइल स्विच ऑफ रहने पर उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा से फोन द्वारा संपर्क करने का प्रयास किया तो उनके मोबाइल पर घंटी तो जा रही थी लेकिन वह फोन रिसीव करना उचित नहीं समझीं। ऐसी स्थिति में महिला चिकित्सालय का कार्य रामभरोसे चल रहा है।
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