ASP सुखराम भारती के आश्वासन के बाद खत्म हुआ चक्का जाम
काफी मान-मनौव्वल के बाद मिला पुलिस को मिला शव
ASP आश्वासन के बाद चक्का जाम हुआ समाप्त
4 घंटे तक चले चक्का जाम में यात्री रहे हलकान
चंदौली जिला के इलिया थाना अंतर्गत चकिया इलिया मार्ग पर पतेरी मोड़ के पास बीते एक सप्ताह पूर्व दुर्घटना में घायल सरोज कुमार भारती 24 वर्ष की शनिवार की रात मौत हो गई। रविवार की सुबह ग्रामीणों ने सरोज के शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। जिससे 4 घंटे तक आवागमन बाधित रहा। मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी सुखराम भारती, नायब तहसीलदार राजेंद्र यादव द्वारा ग्रामीणों की मांग को पूरा किए जाने के आश्वासन पर चक्का जाम समाप्त हुआ।
बता दें कि इलिया थाना क्षेत्र के सीमावर्ती बिहार प्रांत के चांद थाना अंतर्गत पतेरी गांव निवासी सरोज कुमार भारती बीते 12 अगस्त को रात 8 बजे पैदल घर जाते वक्त सौखरा गांव निवासी कृष्णानंद तिवारी के बाइक से धक्का लग गया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इलाज के लिए चंदौली स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। चार दिनों तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे घर वापस भेज दिया था। इसी बीच शनिवार की रात सरोज की मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए और चकिया-इलिया मार्ग पर मृतक के शव को रखकर चक्का जाम कर दिया। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र विक्रम सिंह मौके पर पहुंच गए और परिजनों सहित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया मगर बात नहीं बनी और ग्रामीणों ने अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया।
चिकित्सक तथा मोटरसाइकिल चालक को गिरफ्तार करने, उचित मुआवजा दिए जाने व उच्चाधिकारियों के आने के बाद ही चक्का जाम समाप्त किए जाने की मांग पर अड़े रहे। तब तक सीओ रघुराज सैयदराजा, चकिया, शहाबगंज की पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी, लेकिन चक्का जाम कर रहे ग्रामीण नहीं माने।
इसके बाद मौके एडिशनल एसपी सुखराम भारती के आने और उनके द्वारा आश्वासन दिए जाने पर 4 घंटे बाद दोपहर 1:30 बजे चक्काजाम समाप्त हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेजा। 4 घंटे तक चले जाम में एंबुलेंस सहित कई वाहन फंसे रहे, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सरोज की मौत से पतेरी गांव में पसरा मातम
पतेरी गांव के राजेंद्र राम छोटे किसान हैं। खेती और मजदूरी करके इनके परिवार का भरण पोषण होता है। राजेंद्र राम के चार पुत्रों में सरोज दूसरे नंबर का रहा। तीन वर्ष पूर्व सरोज की विवाह हुआ था। जिसे 11 माह की एक पुत्री भी है। पति की मौत के बाद पत्नी बेसुध पडी हुई है और पत्नी के सिर से पति का साया उठ गया है। वहीं 11 माह की बच्ची निशा अनाथ हो गई है। सरोज की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
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