बहता पानी बचाने के लिए किसान बने इंजीनियर, नाराज़ किसानों ने किया 'श्रमदान', खुद ही ठीक की नहर की टूटी पटरी
सिंचाई विभाग की लापरवाही को दिखाया आइना
चकिया में किसानों ने खुद की बेन रजवाहा नहर की टूटी पटरी की मरम्मत
बोरियों से बांधा बेन रजवाहा नहर का टूटा हिस्सा
चंदौली जिले के चकिया क्षेत्र में सिंचाई विभाग की घोर अनदेखी के बाद किसानों ने मजबूरी में खुद ही मोर्चा संभाला। किसान विकास मंच के कार्यकर्ताओं और स्थानीय किसानों ने श्रमदान करके बेन रजवाहा नहर की टूटी हुई पटरी की मरम्मत की, ताकि उनके खेतों को समय पर पानी मिल सके।
किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध सिंह और सरयू यादव ने नहर का दौरा करने के बाद पाया कि बेन रजवाहा की पूर्वी पटरी डिहरी गांव के पुल के पास टूट गई थी। पटरी टूटने के कारण पानी अनावश्यक रूप से बह रहा था, और उन खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा था, जहां सिंचाई की सबसे अधिक जरूरत थी।

विभाग ने नहीं की सुनवाई
किसानों ने बताया कि टूटी पटरी की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग को पहले ही कई बार सूचना दी जा चुकी थी। इसके बावजूद, विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई अधिकारी मौके का निरीक्षण करने आया। विभाग की इस गंभीर लापरवाही से नाराज़ होकर किसानों ने खुद ही एकजुट होने का फैसला किया।
किसान विकास मंच के अध्यक्ष राधेश्याम पांडेय के मार्गदर्शन में, किसानों ने बोरियों और अन्य साधनों की मदद से टूटी पटरी को मजबूत किया। इस श्रमदान में राधेश्याम पांडे, राम अवध सिंह, सरयू यादव, राम अवतार चौबे, श्याम नारायण चौबे, बृजेश चौबे और कृपा शंकर चौहान सहित कई किसान शामिल रहे।
जिलाधिकारी के सामने उठेगा मुद्दा
किसान विकास मंच के अध्यक्ष राधेश्याम पांडेय ने सिंचाई विभाग पर किसानों के प्रति गंभीर न होने का सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसानों की इस समस्या और विभाग की लापरवाही के मुद्दे को 24 अक्टूबर को होने वाले जिला किसान दिवस में जिलाधिकारी के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे सिंचाई व्यवस्था में सुधार होने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
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