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चकिया के काली मंदिर में बाल विवाह का मामला, पुलिस ने दोनों नाबालिग चाइल्डलाइन के पास भेजा

बुधवार को तय कार्यक्रम के अनुसार दोनों परिवार मां काली मंदिर पहुंचे, जहां पुजारी द्वारा विवाह की रस्में पूरी कर दी गईं। तभी मंदिर में मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दे दी।
 

मिर्जापुर की किशोरी और शहाबगंज के किशोर की शादी

परिवार वाले करा रहे थे दोनों की शादी

मंदिर के पुजारी ने भी निभाई खास भूमिका

चंदौली जिले के चकिया कस्बे स्थित मां काली मंदिर परिसर में बुधवार को बाल विवाह का चौंकाने वाला मामला सामने आया। जहां दो नाबालिग बच्चों की शादी कराई जा रही थी। लेकिन समय रहते स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिससे पुलिस और महिला कल्याण विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर विवाह को रोका और दोनों नाबालिगों को अपनी अभिरक्षा में ले लिया।

कोतवाल अर्जुन सिंह ने बताया कि मिर्जापुर जिले के चुनार थाना क्षेत्र की एक किशोरी का शहाबगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोर से प्रेम संबंध था। दोनों के संबंधों की जानकारी जब परिवारों को हुई तो समाजिक दबाव के चलते दोनों पक्षों ने मंदिर में गुपचुप तरीके से विवाह कराने का फैसला लिया।

बुधवार को तय कार्यक्रम के अनुसार दोनों परिवार मां काली मंदिर पहुंचे, जहां पुजारी द्वारा विवाह की रस्में पूरी कर दी गईं। तभी मंदिर में मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दे दी। जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस और महिला कल्याण विभाग की टीम जिला समन्वयक इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गई और कार्रवाई शुरू की।

टीम ने दोनों नाबालिगों को तत्काल अपनी सुरक्षा में लेकर चाइल्डलाइन को सुपुर्द कर दिया। जिला समन्वयक इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मामला बाल विवाह से जुड़ा है, इसलिए दोनों को बाल संरक्षण प्रक्रिया के अंतर्गत न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

फिलहाल पुलिस ने दोनों परिवारों को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है। साथ ही मंदिर के पुजारी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

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