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बेटी ने मां की अर्थी को दिया कंधा, मुखाग्नि देकर नारी सशक्तिकरणी की पेश की मिसाल

निधन के बाद गम में डूबी बेटियों ने खुद आगे आकर बेटे का फर्ज निभाते हुए मां की अर्थी को कंधा दिया। साथ ही शमशान घाट में ग्रामीणों के साथ पहुंचकर अंतिम संस्कार की सभी क्रियाएं भी पूरी कीं।
 

दोनों बेटियों ने पिता को दिलाया विश्वास

बेटे की कमी नहीं होने देंगी महसूस

नहीं होगा परिवार में तेरहवीं का भोज

केवल श्रद्धांजलि सभा करने की योजना

चंदौली जिले के शहाबगंज में बेटियों ने समाज के लिए फिर मिसाल कायम की है। मां के निधन पर बेटे का फर्ज निभाते हुए बड़ी बेटी राधा यादव ने मां की अर्थी को कंधा तो दिया। साथ ही साथ ही चिता को मणिकर्णिका घाट पर मुखाग्नि भी दी। बेटियों के इस कदम की लोग ख़ूब सराहना कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि क्षेत्र के तियरा गाँव के होल्लर यादव व भागमनी देवी के दो पुत्री राधा यादव व अनुकृति यादव हैं, जिनको कोई पुत्र नहीं है। भागमनी देवी की पिछले 25 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। निधन के बाद गम में डूबी बेटियों ने खुद आगे आकर बेटे का फर्ज निभाते हुए मां की अर्थी को कंधा दिया। साथ ही शमशान घाट में ग्रामीणों के साथ पहुंचकर अंतिम संस्कार की सभी क्रियाएं भी पूरी कीं। इसके बाद बड़ी बेटी ने चिता को मुखाग्नि भी दी।

Daughter carried

बेटियों ने गम में डूबे पिता होल्लर को ढांढस बंधाते हुए कहा कि दोनों बहने उन्हें बेटे की कमी कभी भी महसूस नहीं होने देंगी। बेटियों ने बेटे की भांति मां का अंतिम संस्कार कर पूरे समाज के सामने नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। राधा यादव व अनुकृति यादव बचपन से जुझारू हैं तथा समाजवादी पार्टी की नेत्री भी हैं।

Daughter carried

सपा की वरिष्ठ नेत्री राधा यादव कहती हैं कि हमारे माता-पिता ने समाज से लड़कर हमें पढ़ाई कराई  और हम लोगों को कभी कोई कमी नहीं होने दी हैं तो हमारा भी फर्ज है कि उन्हें किसी भी तरह का कष्ट न होने दें। उन्होंने तेरहवीं भोज को एक दिखावा और फिजूलखर्ची मानते हुए इसका बहिष्कार करते हुए आठ मई को श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया है, जिसकी चर्चा क्षेत्र में ख़ूब हो रही है।

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