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मिट्टी के दीपक और लक्ष्मी की मूर्ति बना रहे हैं कुंभार समाज के कलाकार

दीपावली पर घरों को दीपों से जगमगाने की तैयारी पूरे उत्साह के साथ चल रही है। स्वदेशी दीपों को तैयार करने में प्रजापति समाज के कारीगर अपने पूरे परिवार के साथ पूरी लगन से जुटे हुए हैं। 
 

दीपावली नजदीक आते ही शुरु हो गयी है तैयारी

कुम्भार समाज के लोग बना रहे मिट्टी के दीपक

गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों को मूर्त रूप देने में जुटे हैं कलाकार

चंदौली जिला के चकिया तहसील क्षेत्र में दीपावली नजदीक आते ही क्षेत्र में मिट्टी की मूर्तियों और दीपकों का निर्माण जोरों पर है। कुम्हार समाज के कारीगर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मनमोहक मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। वहीं मिट्टी के दीपक बनाने के कार्य को भी गति देने में जुटे हुए हैं। 

धनतेरस तथा दीपावली पर मिट्टी की मूर्तियों का पूजन शुभ माना जाता है, और दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसी महत्व को देखते हुए, बाजार में बड़ी मात्रा में मूर्तियां पहुंच चुकी हैं। मांग के आधार पर अगले दो दिनों तक और मूर्तियों तथा दीपकों का निर्माण जारी रहेगा।

 बरहुआ गांव निवासी कुम्हार और प्रजापति समाज के कारीगर रामनिवास प्रजापति ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से मिट्टी की मूर्तियां और दीपक बनाने का कार्य कर रहे हैं। यह पेशा उनके परिवार की आजीविका का मुख्य साधन है। दीपावली पर घरों को दीपों से जगमगाने की तैयारी पूरे उत्साह के साथ चल रही है। स्वदेशी दीपों को तैयार करने में प्रजापति समाज के कारीगर अपने पूरे परिवार के साथ पूरी लगन से जुटे हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि  सरकार की कोई सहायता मिले बगैर वह परिवार के साथ दिन-रात मेहनत करके मिट्टी के बर्तनों और मूर्तियों से ही परिवार का जीवकोपार्जन करते हैं। कहा कि कुम्भार समाज सरकार की योजनाओं से अपेक्षित है यही कारण है कि पुश्तैनी धंधे में लगे समाज के लोगों में ज्यादातर की माली हालत है। उन्होंने प्रशासन से कुम्भार समाज को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाए जाने का मांग किया है।

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