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जिलाधिकारी ने बांटा आमंत्रण पत्र, खुद रहे नदारद, पौधारोपण कार्यक्रम पर उठे सवाल

डीएम-एसपी के न आने का कोई खास कारण नहीं पता लगने से आयोजन पर कई सवाल खड़े होने लगे। कार्यक्रम में भभुआ के अधिकारियों ने भी दूरी बनाए रखा, जिससे पूरा कार्यक्रम राजनैतिक लगने लगा।
 


दोनों प्रदेशों के अफसरों ने बनायी दूरी

ऐसे कार्यक्रमों व आयोजनों का क्या है भविष्य

कहीं साझे की खेती की तरह उजड़ न जाए मित्र-वन

चंदौली जिले के लतीफशाह में आयोजित मित्र वन पौधारोपण कार्यक्रम के लिए जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने कैमूर भभुआ के  जिलाधिकारी सावन कुमार, पुलिस अधीक्षक ललित मोहन वर्मा, उप विकास आयुक्त ज्ञान प्रकाश समेत अन्य लोगों को विशेष रूप से आमंत्रण पत्र देकर बुलाया था, लेकिन आश्चर्य की बात यह रही कि कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों ही अधिकारी इस कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे। जिसकी वजह से यह सरकारी कार्यक्रम कम राजनैतिक कार्यक्रम अधिक बन गया।

ऐसा करने से लोगों में यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बना रहा है। डीएम-एसपी के न आने का कोई खास कारण नहीं पता लगने से आयोजन पर कई सवाल खड़े होने लगे। कार्यक्रम में भभुआ के अधिकारियों ने भी दूरी बनाए रखा, जिससे पूरा कार्यक्रम राजनैतिक लगने लगा।

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पौधारोपण कार्यक्रम को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। इसमें जिले के कई महत्वपूर्ण नेताओं, पूर्व विधायकों, बिहार सरकार की विधान परिषद सदस्य निवेदिता सिंह तथा बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के महत्व  को देखते हुए, जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने कैमूर भभुआ के अफसरों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रण पत्र भेजकर  बुलाया था। बावजूद इसके, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का इस कार्यक्रम से नदारद रहना लोगों के बीच असमंजस पैदा कर गया।

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पौधारोपण कार्यक्रम में सैकड़ों पौधे लगाए गए और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं। हालांकि, जिलाधिकारी और एसपी की अनुपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा को प्रभावित किया।

मंत्री और विधायकों ने पौधारोपण कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने उनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने इसे गंभीरता से लिया है।  ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अधिकारियों की अनुपस्थिति का कारण क्या था।

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