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मोटे अनाज उत्पादन हेतु किसानों को किया गया प्रोत्साहित, बताए गए इसके फायदे

  किसान उत्पादक समूह के संवाद जनार्दन सिंह ने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन से रासायनिक उर्वरक की उपयोगिता कम होगी। जिससे किसान भाई कम खर्चे में इस तरह की फसल का उत्पादन कर सकेंगे।
 

सैदूपुर में कार्यशाला आयोजित करके दी जानकारी

आय बढ़ाने की किसानों को दी गई जानकारी

नाबार्ड द्वारा आयोजित की गयी थी कार्यशाला

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत सैदूपुर के पंचायत भवन पर शनिवार को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड द्वारा प्रायोजित श्री अन्न के उत्पादन हेतु एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को मोटे अनाज उत्पादन किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

Farmers encouraged

 कृषि वैज्ञानिक डॉ बीडी पांडेय ने कहा कि आज सेंटेड चावल, गेहूं जैसे पतले अनाज को खाने से मनुष्य को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझना पड रहा है। खुद अपनी सेहत सुधारने के साथ-साथ मानव जीवन को स्वस्थ एवं खुशहाल बनाने के लिए हम सभी किसानों का दायित्व है कि हम अपने खेतों में श्री अन्न (मोटे अनाज) ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, शावा, कंगनी का उत्पादन करें। ऐसे अनाज का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधी क्षमता जहां बढ़ेगी वहीं खेतों के मृदा की खराब हो रही सेहत भी सुधरेगी।

Farmers encouraged

  किसान उत्पादक समूह के संवाद जनार्दन सिंह ने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन से रासायनिक उर्वरक की उपयोगिता कम होगी। जिससे किसान भाई कम खर्चे में इस तरह की फसल का उत्पादन कर सकेंगे। मोटे अनाज के उत्पादन हेतु 25 किसानों का चयन किया गया, जिन्हें नाबार्ड द्वारा निःशुल्क बीज तथा तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। कार्यशाला के दौरान मोटे अनाज उत्पादन के साथ इनके मार्केटिंग तथा जलवायु परिवर्तन से फसलों को बचाए जाने के उपाय भी बताए गए।

Farmers encouraged

 इस अवसर पर किसान प्रभुदयाल सिंह, लालजी सिंह, प्रेमचंद गुप्ता, संतोष, सरेम लाल, रमाशंकर, वासुदेव, चंद्रभान, काशीनाथ तिवारी, सत्यनारायण, सुनील विश्वकर्मा सहित तीन दर्जन किसान उपस्थित रहे।

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