PAC कैंप के लिए जमीन देकर परेशान हैं किसान, जमीन रजिस्ट्री करने के बाद भी न जाने कब मिलेगा मुआवजा
रजिस्ट्री करने के महीनों बाद भी नहीं मिला मुआवजा
हफ्ते में कई दिन तहसील के अधिकारियों का चक्कर काटते हैं किसान
किसानों का आरोप अधिकारी देते हैं मुआवजे की जगह घुड़की
चंदौली जिले के चकिया तहसील अंतर्गत पचफेड़िया एवं फिरोजपुर गांव में लगभग 32 हेक्टेयर भूमि पर पीएसी कैंप निर्माण के किसानों को भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। जिसमें से 64 किसानों से लगभग 30 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके अलावा लगभग दो हेक्टेयर जमीन सरकार की है। जिसमें लगभग अधिकांश किसानों ने जमीन का बैनामा सरकार को कर दिया है। रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होने के कई महीने बीत जाने के बाद भी कई भू दाताओं को अब तक मुआवजे की राशि नहीं मिल पाई। जिसको लेकर किसान आए दिन तहसील का चक्कर लगा रहे हैं।
आपको बता दें कि अधिकारी पत्रावली चेक करने के बाद मुआवजे का भुगतान करने की बात कर किसानों को टरका देते हैं। किसानों का कहना था कि हमारी जमीनों का पीएसी कैंप के लिए अधिग्रहित करने का करने का आदेश आया तो, किसानों ने मुआवजे में मिलने वाले रुपए से अन्यत्र कहीं जमीन लेने के लिए बयाना के तौर पर दिया गया। रुपया डूबने के कगार पर है। वहीं कुछ किसानों को कैंप की जगह की खाली कर दूसरे जगह घर बनवाने के लिए भी पैसे नहीं है।
किसानों ने आरोप लगाया कि जमीन के वैनामा के समय आश्वासन दिया गया था कि अतिशीघ्र जमीन के प्रतिपूर्ति का धन संबंधित किसानों के खाते में चला गया जाएगा। लेकिन रजिस्ट्री के कई महीनों बाद भी पत्रावली दुरुस्ती के नाम पर मुआवजे की भुगतान में हीलाहवाली की जा रही है तथा अधिकारियों की घुड़की भी सुनने को मिल रही है।
इस सम्बंध में चकिया तहसीलदार सुरेश चंद शुक्ला का कहना है कि अधिग्रहित की गई भूमि के अधिकांश किसानों को मुआवजा वितरित कर दिया गया है। मात्र तीन गाटे का अभी मुआवजा देना है। जिसमें एक विवादित है। शेष की पत्रावली तैयार है, जल्द किसानों को उनका मुआवजा मिल जाएगा।
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