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रातों-रात गायब हुई समिति की खाद, अधिकारियों पर लगाया मिलीभगत कर खाद बेचने का आरोप

शहाबगंज सहकारी समिति पर खाद की किल्लत और अनियमितता को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि खाद की कालाबाजारी हो रही है, जिससे कड़ाके की ठंड में घंटों लाइन में लगने के बाद भी किसान खाली हाथ लौट रहे हैं।

 
 

खाद वितरण में भारी अनियमितता का आरोप

भाकियू टिकैत का शहाबगंज में धरना प्रदर्शन

अधिकारियों के आश्वासन पर शांत हुए किसान

सोमवार को खाद वितरण का मिला भरोसा

चंदौली जनपद अंतर्गत शहाबगंज ब्लॉक में शनिवार को खाद की किल्लत को लेकर किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। शहाबगंज सहकारी समिति परिसर में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानों ने एकत्र होकर खाद वितरण में हो रही धांधली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। किसानों का सीधा आरोप है कि समिति के कर्मचारी और अधिकारी खाद की कालाबाजारी में संलिप्त हैं, जिसके कारण वास्तविक और जरूरतमंद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच घंटों लाइन में लगने के बावजूद जब किसानों को खाद नहीं मिली, तो उन्होंने समिति परिसर में ही धरना देना शुरू कर दिया।

रातों-रात गायब हुई खाद
धरने को संबोधित करते हुए भाकियू के जिलाध्यक्ष सतीश सिंह चौहान ने समिति की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। किसानों ने बताया कि शुक्रवार को अधिकारियों ने कुछ किसानों को नंबर लगाकर खाद दी थी और शेष किसानों को शनिवार सुबह दस बजे आने का भरोसा दिलाया था। लेकिन जब शनिवार को किसान कड़ाके की ठंड के बावजूद समय पर समिति पहुँचे, तो उन्हें बताया गया कि खाद उपलब्ध नहीं है। किसानों ने तीखा सवाल किया कि यदि शुक्रवार शाम तक खाद थी और शनिवार सुबह देने का वादा किया गया था, तो वह खाद रातों-रात कहाँ गायब हो गई? जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोग अधिकारियों से मिलीभगत कर बिना लाइन में लगे खाद ले जा रहे हैं, जबकि आम किसान परेशान है।

अधिकारियों का आश्वासन और जांच का भरोसा
मामले की गंभीरता को देखते हुए और किसानों के बढ़ते आक्रोश के बीच विभागीय अधिकारी मौके पर पहुँचे। समिति के उच्चाधिकारी एआर जय प्रकाश और एडिओ कोऑपरेटिव सुनीलराज पाल ने किसानों के साथ वार्ता की। उन्होंने स्वीकार किया कि वितरण व्यवस्था में कुछ तकनीकी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया कि सोमवार को प्राथमिकता के आधार पर सभी पात्र किसानों को खाद का वितरण कराया जाएगा। साथ ही, उन्होंने किसानों द्वारा लगाए गए खाद गायब होने और भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने का वादा किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि जांच में कोई कर्मचारी या अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सोमवार तक का अल्टीमेटम, आंदोलन की चेतावनी
अधिकारियों के ठोस आश्वासन और सोमवार तक खाद उपलब्ध कराने के वादे के बाद किसानों ने अपना धरना स्थगित करने का निर्णय लिया। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि यह धरना केवल अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। यदि सोमवार को खाद का पारदर्शी वितरण नहीं हुआ या जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई, तो किसान दोबारा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस प्रदर्शन में रामकरन, महबूब आलम, कौशल्या देवी, सद्दाम, विनोद, रियाज, और दीपू सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय किसान मौजूद रहे, जिन्होंने व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।

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