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गरला गांव में लोग नहीं चाहते हैं चकबंदी, विरोध करते हुए 100 किसानों ने आयुक्त को भेजा शपथ पत्र

चंदौली जिले के चकिया ब्लॉक के गरला ग्राम पंचायत में चकबंदी से नाराज किसानों ने प्रक्रिया रोकने के लिए चकबंदी आयुक्त को शपथ पत्र भेजना शुरू कर दिया है।
 

रघुनाथपुर, दुबेपुर और गरला मौजा के किसानों ने जताया विरोध

चकबंदी आयुक्त को भेजे गए शपथ पत्र में बतायी गांव की स्थिति

किसान बोले- चकबंदी से मकानों, दुरानों और पट्टों पर फिर से आएगा संकट

चंदौली जिले के चकिया ब्लॉक के गरला ग्राम पंचायत में चकबंदी से नाराज किसानों ने प्रक्रिया रोकने के लिए चकबंदी आयुक्त को शपथ पत्र भेजना शुरू कर दिया है। शपथ पत्र भेजने वाले किसानों में गरला ग्राम पंचायत गरला मौजा के रघुनाथपुर दुबेपुर और गरला के किसान शामिल है।

इस दौरान रघुनाथपुर के किसान कमलेश पांडेय, अशोक पांडेय, जामवंती देवी, अमरेश चंद्र पांडेय, पिपरहट के किसान संजय सिंह, राजीव सिंह, सियाराम सिंह, शिवांश प्रताप सिंह, दुबेपुर के किसान अश्विनी द्विवेदी संतोष द्विवेदी, अरविंद द्विवेदी, सत्य प्रकाश द्विवेदी ने शपथ पत्र भेजकर चकबंदी रोकने की मांग की है।

इसी तरह से गरला के किसान धीरज कुमार श्रीवास्तव, श्याम बिहारी यादव, अनिल तिवारी, अनिल श्रीवास्तव ने भी शपथ पत्र भेजकर चकबंदी रोकने की मांग की है। इन लोगों ने शपथ पत्र के माध्यम से चकबंदी निरस्त करने के लिए चकबंदी आयुक्त को रजिस्टर्ड डाक भेजा है।

किसानों का कहना है कि कई किसानों के मकान, भवन आदि बने हुए हैं। काश्तकारों ने चकबंदी रोकने के लिए शपथ पत्र चकबंदी आयुक्त को भेजना आरंभ कर दिया है। शपथ पत्र में कहा गया है कि 2013 में पूर्व चकबंदी आयुक्त द्वारा चकबंदी प्रक्रिया निरस्त की गई थी।

गरला ग्राम पंचायत में प्राथमिक विद्यालय प्रथम, द्वितीय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय, राजकीय हाई स्कूल, सामुदायिक शौचालय, अन्नपूर्णा भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, कूड़ाघर, पंचायत भवन, यात्री निवास व सिंचाई की नहर आदि सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

जिसमें लगभग 100 लोगों को पट्टा भी आवंटित किया गया है। जिसके लिए चकबंदी कराने का कोई औचित्य नहीं है।


 

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