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भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन से बाहर आएं, किसान मजदूर नेता अजय राय की मांग

विश्व व्यापार संगठन इन्हीं व्यापारियों की संस्था है भारत को इससे अलग करके हमारी खेती को इनकी गिद्ध नजरों से बचाने की जरूरत है। 
 

 आबूधाबी में आज से चल रही बैठक

मीटिंग खिलाफ पोस्टर दिखा रहे नेता

विश्व व्यापार संगठन से बाहर आने की मांग

मजदूर किसान मंच कर रहा है अपील

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चा घटक संघठन मजदूर किसान मंच के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने हाथ  में  पोस्टर दिखाते हुए विश्व व्यापार संगठन से अलग करने की मांग की।

अजय राय ने कहा कि आज देश भर में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भारत को विश्व व्यापार संगठन से अलग करने की मांग के साथ विरोध कार्यवाहियां की जा रही हैं। आज अबूधाबी में विश्व व्यापार संगठन की बैठक चल रही है। आज के दिन हमारा यह विरोध इसलिए है कि विश्व व्यापार संगठन ही वह संस्था है जिसने एमएसपी न देने और इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली को खत्म कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की वकालत की है। उसकी यह सिफारिश किसान और मजदूर विरोधी है। इसलिए भारत को उससे अलग करने की हम मांग कर रहे हैं।

विश्व व्यापार संगठन ने वायदा कारोबार से लेकर फ्री ट्रेडिंग तक के द्वारा हमेशा विकासशील देशों को लूटने का ही काम किया है।इसलिए भारत को इससे अलग किया जाना चाहिए और इसकी जिम्मेदारी हमारी सरकार की है कि वह अपने को इस ठग संस्था से अलग करे।  यह लड़ाई लंबी है।दुनिया के व्यापारियों की नजर भारत के किसानों की खेती पर वे हमारी रोटियों को अपने तिजोरियों में बंद करना चाहते हैं। विश्व व्यापार संगठन इन्हीं व्यापारियों की संस्था है भारत को इससे अलग करके हमारी खेती को इनकी गिद्ध नजरों से बचाने की जरूरत है।  यह हमारी लड़ाई कृषि क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में अपनाई जाने वाली उन्हीं नीतियों से है जिसकी विश्व व्यापार संगठन ने हमेशा से वकालत की है।
दुनिया में जहां कही भी व्यापारी इकट्ठा  होते हैं वे केवल अपने मुनाफे को बढ़ाने की चर्चा करते हैं।


विश्व व्यापार संगठन दुनिया के बड़े लुटेरों व्यापारियों की बड़ी संस्था है। इन लुटेरों से भारत को अलग करके ही देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बचाए रखा जा सकेगा। विश्व व्यापार संगठन की नीतियों के चलते ही आज किसान ज्यादा  संख्या में आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। किसानों द्वारा छेड़ा गया यह संघर्ष तब तक चलता रहेगा जब तक एमएसपी  को गारंटी का कानूनी जामा नही पहनाया जाता और स्वामीनाथन आयोग की रिर्पोट की सिफारिश C2+50 को लागू नही किया जाता।

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