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गेहूं की सिंचाई के लिए नहर नहीं खुलने से किसान परेशान, इंजन के सहारे गेंहू की हो रही सिंचाई

चंदौली जिले के शहाबगंज इलाके में राईट कर्मनाशा नहर सिंचाई के लिए नहीं खुलने पर किसानों को परेशानी हो रही है। अपनी फसल को बचाने के लिए किसान डीजल इंजन के सहारे गेंहू की सिंचाई करने में जुट गए हैं।
 

शहाबगंज इलाके में राईट कर्मनाशा नहर से होती है सिंचाई

डीजल इंजन के सहारे गेंहू की सिंचाई करने में जुटे किसान

कई दिन पहले डीएम साहब को पत्रक देकर लगायी थी गुहार

चंदौली जिले के शहाबगंज इलाके में राईट कर्मनाशा नहर सिंचाई के लिए नहीं खुलने पर किसानों को परेशानी हो रही है। अपनी फसल को बचाने के लिए किसान डीजल इंजन के सहारे गेंहू की सिंचाई करने में जुट गए हैं। किसानों को का कहना है कि अफसरों की मनमानी के चलते खेती किसानी दिन प्रतिदिन कठिन होती जा रही है।

किसानों का कहना है कि चाहे धान की रोपाई हो या फिर उर्वरक लेने की जद्दोजहद हर जगह समस्या उठानी पड़ती है। जब फसल तैयार हो जाती है तो उसको बेचने की लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। वही हाल गेंहू की बुआई के समय भी समितियों से डीएपी गायब हो गयी। बाजार से महंगे दर पर उर्वरक खरीद कर बुआई करनी पड़ी है। अब गेंहू की सिंचाई किसान निजी साधनों से करने में जुट गए हैं। 

आपको बता दें कि करईल क्षेत्र के किसान राईट कर्मनाशा नहर से जुड़े हैं। नहर खोलने के लिए किसान काफी दिनों से सिंचाई विभाग व डीएम से गुहार लगा रहे हैं,  लेकिन अभी तक नहर नहीं खुली है। परेशान हाल किसान निजी बोरवेल या फिर नहर में जो पानी आ रहा है, उसी को डीजल इंजन के सहारे लिफ्ट कर गेंहू की सिंचाई कर रहे हैं। जिससे समय से यूरिया की टॉप ड्रेसिंग कर सकें। 

वहीं किसान नेता राम अवध सिंह ने बताया कि नहर खोलने के लिए हमने जिलाधिकारी को भी पत्रक भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी अभी तक नहर नहीं खुली। अब डीजल इंजन का सहारा लेकर सिंचाई किया जा रहा है। जब अफसर किसानों की बात सुन ही नहीं रहे हैं तो क्या कहा जा सकता है।

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