धान के झुलसा रोग के लिए यह है उपाय, ऐसे बचाएं फसल
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इलिया इलाके में इन दिनों धान की फसल की निचली पत्तियों में झुलसा रोग ( सीथ ब्लाइट ) का प्रकोप तेजी से देखा जा रहा है। जिससे पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और समय से उपचार न करने पर पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
कृषि एक्सपर्ट बताते हैं कि सितंबर माह में प्रायः धान की फसलों में यह रोग लग जाता है। जिसका वजह तापक्रम का बढ़ना व उमस बढ़ने से इस तरह के रोग लगते हैं।

धान की प्रजाति नाटी मंसूरी जिसे एमटीयू 7029 स्वर्णा कहते हैं। खासकर इस प्रजाति की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप तेजी से देखा जा रहा है। इसी प्रकार अन्य प्रजातियों में कहीं-कहीं साकार झुलसा रोग (लीफ बैक्टीरियल) ब्लाइट का प्रकोप है।
किसान मास्टर ट्रेनर कपिल देव सिंह ने धान की फसलों को झुलसा रोग से बचाने के लिए नाटी मंसूरी की फसल हेक्सा कोन जोल 2 मिलीलीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर स्प्रे कर फसल को बचाया जा सकता है। इसी प्रकार प्रोपिकोना जोल 1 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर पानी टेबुकोन जोल 1 मिलीमीटर प्रति हेक्टेयर पानी या टत्पा 1 मिलीलीटर पानी को घोल बनाकर धान की फसल पर स्प्रे करने से रोग से शीघ्र निजात पाया जा सकता है। अन्य प्रजातियों में स्ट्रिप्टोसाइक्लिन 15 ग्राम के साथ पांच सौ ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर स्प्रे कर रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।
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