कांशीराम सामाजिक न्याय के पुरोधा थे, रतीश कुमार ने गिनायी उपलब्धि

कांशीराम का 91वां जन्मदिन
केक काटकर धूमधाम से मनाया गया जन्मदिन
दलितों की राजनीति में हिस्सेदारी को लेकर छेड़ी थी जंग
चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के अतायस्तगंज गाँव स्थित अम्बेडकर पार्क में शनिवार को सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता के प्रबल पुरोधा, बेआवाज़ की आवाज़, कमज़ोरों की तरक्की के पैरोकार बामसेफ़-डीएसफोर-बीएसपी के संस्थापक कांशीराम का 91वां जन्मदिन केक काटकर धूमधाम से मनाया गया।

इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवन संघर्षों पर प्रकाश डाला। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता रतीश कुमार ने कहा कि कांशीराम सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। वे आजीवन दलितों और पिछड़ों के राजनीतिक उत्थान के लिए काम करते रहे। उन्होंने पहली बार दलित महिला को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर सामाजिक संदेश दिया।
बसपा नेता आगे कहा कि बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम साहेब 20 वीं सदी के अंतिम दशक के भारतीय राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में एक चमकता हुआ सितारा बन गए थे। उन्होंने जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी.. का नारा देकर देश की 85 प्रतिशत दलितों, पिछड़ों की राजनीति में हिस्सेदारी की बात की। वे अपनी राजनीति से ज्यादा दलितों, पिछड़ों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के लिये जाने जाते है। वे खुद देश में जातिवाद, छुआछुत और भेदभाव के शिकार थे। सरकारी नौकरी के दौरान उन्होंने इस भेदभाव को झेला और दलितों को उनके हक दिलाने की लड़ाई लड़ने का प्रण लिया और उसमें काफी सफल भी रहे। उन्हें खुद के लिए किसी पद की लोलुपता नहीं थी।
इस दौरान मुख्य रूप से पूर्व प्रधान अरविंद मिश्र, विनोद सिंह मौर्य, बाबूलाल भास्कर, शिवदास राम, सुधाकर, रामभजन, धर्मू राम, कमला राम, सतीश, मिथिलेश कुमार, सियाराम, अजय भारती, मदन कुमार अंकित, महेश, सनी, नीरज, बलवंत, प्रमोद, जूनियर, जय प्रकाश, जमुना, सुजीत आदि उपस्थित थे।
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