अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में रातभर लगे ठहाके, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का आयोजन
विकास खण्ड में कवियों की हास्य-व्यंग्य की फुलझड़ियां
रातभर श्रोताओं को किया लोटपोट
ग्रापए के तत्वाधान ने कराया अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन
चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खण्ड कार्यालय परिसर में सोमवार को देर शाम ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन तहसील इकाई चकिया के तत्वाधान में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें रात भर काव्य की धारा में श्रोता डूबते-उतराते रहे। कवियों ने हास्य-व्यंग्य की फुलझड़ियों से श्रोताओं को हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर दिया वहीं श्रृंगार रस की कवियत्रियों ने युवाओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में दिग्गज कवियों के शिरकत से श्रोता अंत तक कार्यक्रम स्थल पर जमे रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य व विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबलि सिंह, चकिया चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव, खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने दीप प्रज्वलित तथा मां सरस्वती के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
देरशाम शुरू हुए कवि सम्मेलन में सबसे पहले दिल्ली की मोनिका देहलवी ने माँ सरस्वती की वंदना की इसके बाद हास्य-व्यंग्य के कवियों ने श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। प्रयागराज से आए हास्य व्यंग्य के प्रख्यात कवि बिहारी लाल अंबर ने कहा रही फांसियों पर टंगी गर्दनें, हम रहें न रहें ये तिरंगा रहे.. सुनाया तो कानपुर से आये चर्चित व्यंग रचनाकार हेमन्त पाण्डेय ने कहा... जिस पेड़ पे बाधा था मोहब्बत का धागा, नगर निगम वाले उसे भी काटकर ले गए.. सुनाया तो श्रोता तालियां बजाने पर मजबूर हो गए।
दिल्ली की मोनिका देहलवी ने फुरसत हो सितारों की बारात में आ जाओ, तुम्हें चांद देखना है तो रात में आ जाओ.. सुनाकर युवाओं को आकर्षित किया, तो बलिया की प्रतिभा यादव ने जीने को जिंदगी का मजा आ ही जाएगा, दुश्मन को भी गले से लगाकर तो देखिए सुनाकर वाहवाही लूटी।
वाराणसी के इमरान बनारसी ने यकीं न आए तो सीने को चिरकर देखो, हम अपने सीने में हिंदुस्तान रखते हैं सुनाया तो श्रोताओं ने भारत माता के नारों से उनका स्वागत किया। छतीसगढ़ कोरमा से आए युवा हास्य कवि हीरामणि वैष्णव ने उसने छोड़ा तो था कल अकेले मगर,आज देखो ये पूरा शहर साथ है सुनाया। नैनीताल के मोहन मुन्तज़िर ने प्यार करो धरती से आजाद बनो अशफाक बनो, लैलाओं के चक्कर में मजनू बनने से क्या होगा को श्रोताओं ने ख़ूब सराहा। गाजियाबाद की राधिका मित्तल ने तमन्ना है यहीं दिल की दीदार हो जाए, तुझे देखूं मैं पलभर को तुझी से प्यार हो जाए सुनाकर युवाओं का मन मोह लिया।
कवि सम्मेलन की संचालन कर रहे वाराणसी के दमदार बनारसी ने सरफ़रोशी हो मेरी हिन्दोस्तां की शान में,एक तिरंगा मिल सके मुझको क़फ़न के वास्ते सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
इससे पहले ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अतिथियों व कवियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।इस दौरान मुख्य अतिथि विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि हास्य के बिना जीवन अधूरा है।आधुनिक जीवन शैली में हास्य जरूरी है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने कहा कि हास्य के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था पर करारा चोट आवश्यक है इसके साथ ही मनोरंजन भी होता है।उन्होंने कहा कि आज के जीवन शैली में हास्य काफी महत्वपूर्ण है।
इस दौरान मुख्य रूप से उप जिलाधकारी दिव्या ओझा, सांसद छोटे लाल, पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एड, एसआरवीएस के डायरेक्टर श्याम जी सिंह, खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, ग्रापए जिलाध्यक्ष आनंद प्रताप सिंह, प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष पवन सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष गुलफाम अहमद मिक्कू, दशरथ सोनकर, मुन्ना भास्कर, डॉ जीपी सिंह, डॉ नीलेश मालवीय, थाना प्रभारी मिर्ज़ा रिजवान बेग, इलिया थाना प्रभारी दयाराम गौतम, ग्रापए तहसील अध्यक्ष विनोद सिंह, मुसाफिर विश्वकर्मा, मंगला सिंह, सद्दाम खान, इबरार अली, मिथिलेश, देवेंद्र नारायण, प्रदीप उपाध्याय, रत्नेश यादव, उपेन्द्र मिश्र, केशरी नंदन जायसवाल, सत्येन्द्र, मनोज कौशल, सन्दीप गुप्ता, उमाशंकर मौर्य आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रतीश कुमार ने किया।
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