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10 दिन से बलिया खुर्द गांव के मूक-बधिर कृष्ण मुरारी घर से हैं गायब, गांव में चंदा जुटाकर खोजने की तैयारी में जुटे ग्रामीण

कृष्ण मुरारी अपने परिवार का भरण पोषण जंगल से जलावनी लकड़ी या फिर दाना भुजकर करते हैं। वह 17 जून को अपनी बहन शकुंतला के घर जिला बक्सर के उनवास गांव बिहार प्रांत को  निकले थे।
 

काफी खोजबीन के बाद नहीं चल सका है पता

पुत्री खुशबू ने कोतवाली चकिया में दी है गायब होने की तहरीर

सीसीटीवी में यहां मिली थी लोकेशन

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत बलिया खुर्द गांव निवासी 55 वर्षीय मूकबधिर कृष्ण मुरारी गोंड 17 जून को घर से रिश्तेदारी में जाने को निकाला लेकिन ना रिश्तेदारी में पहुंचा ना घर जिस पर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। परिजनों ने खोजबीन के बाद 22 जून को कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर खोजने की अपील की है। वही गांव के ग्रामीण प्रधान प्रवीण कुशवाहा के साथ आपस में चंदा जूटा कर उनकी खोज के लिए सक्रिय हो गए हैं। 

बताते चलें कि बलिया खुर्द गांव निवासी स्वर्गीय नंदकिशोर के दो पुत्र  कृष्ण मुरारी व राधेश्याम और एक पुत्री शकुंतला है जिसकी शादी हो गई है। राधेश्याम और कृष्ण मुरारी अलग-अलग रहते हैं। 

कृष्ण मुरारी अपने परिवार का भरण पोषण जंगल से जलावनी लकड़ी या फिर दाना भुजकर करते हैं। वह 17 जून को अपनी बहन शकुंतला के घर जिला बक्सर के उनवास गांव बिहार प्रांत को  निकले थे। जो बहन के घर न पहुंचे पर उनके गायब होने की स्थिति को देखते हुए घर के परिजन घबड़ा गए।

परिजनों के अनुसार कृष्ण मुरारी मुख बधिर थे, वह अपनी बड़ी बहन के घर कई बार आ जा चुके हैं। कृष्ण मुरारी की मां फूला देवी आंख से अंधी है और पत्नी रीना देवी विकलांग है। दो पुत्रियां खुशबू 19 और रितु 16 अपने पिता को गायब होने को लेकर परेशान हैं। कृष्ण मुरारी के इंतजार में परिजनों का हाल बुरा हो गया है। काफी खोजबीन के बाद पुत्री खुशबू ने कोतवाली पहुंचकर 22 जून को पिता कृष्ण मुरारी को घर से जाने और वापस न आने की गतिविधियों की जानकारी लिखित रूप से कोतवाली पुलिस को देकर उनकी खोज की अपील की है।

ग्राम प्रधान प्रवीण कुशवाहा ने बताया कि उनके गायब होने के बाद परिजनों की हालात को देखते हुए उनकी खोज के लिए पीडीडीयू नगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर 22 जून को रेलवे सुरक्षा बल को पत्र देकर स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखा गया जिसमें 17 जून को 11:37 पर दिन में मुख्य स्टेशन से अंदर आते हुए कृष्ण मुरारी को कमरे में देखा गया। उन्होंने बताया उनकी खोज के लिए गांव के आधा दर्जन लोग आपस में चंदा जुटा कर निकल पड़े हैं।

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