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दूसरे दिन भी सन्नाटे में डूबा रहा रसिया गांव, घर के बाहर संवेदना व्यक्त करने वालों की लगी रही भीड़

इसके अलावा दिनभर संवेदना व्यक्त करने के लिए शहीद के घर लोग देर शाम तक पहुंचते रहे। गांव में पसरा सन्नाटा व शहीद के घर से रह-रहकर रोने की आवाजें हर किसी को रुला दे रही हैं।
 

बसपा व कांग्रेस के नेताओं ने दी सांत्वना

गांव में शहीद के घर पहुंचे कई लोग

 शहीद के घर से रह-रहकर आती रहीं रोने की आवाजें

चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के रसिया गांव के असम राइफल्स जवान आलोक राव की शहादत से पूरा गांव अपने को भले ही गर्वान्वित महसूस कर रहा है, लेकिन गांव के होनहार नौजवान को खो देने का ग़म भी लोगों के चेहरे पर साफ़ दिखाई दे रही है। गांव में दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। साथ ही संवेदना व्यक्त करने वालों का दूसरे दिन भी तांता लगा रहा।

Assam Rifles Jawan Alok Rao

 शहीद के घर के बाहर जुटी भीड़ एक-दूसरे को उनकी बहादुरी के किस्से सुनाती रही। शुक्रवार को दूसरे दिन बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष घनश्याम प्रधान,  पूर्व प्रत्याशी बसपा मुग़लसराय तिलकधारी बिंद, बसपा के मंडल कॉर्डिनेटर धर्मराज भारती व विधान सभाध्यक्ष बसपा डॉ दिनेश भारती, भारतीय कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, सतीश बिंद, राहुल सिंह भवानी, कृष्ण कुमार सन्त, कमलेश सन्त श्रीकांत पाठक, आजम खां, सूर्य प्रकाश केशरी आदि कांग्रेस नेताओं ने शहीद के घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। 

Assam Rifles Jawan Alok Rao

इसके अलावा दिनभर संवेदना व्यक्त करने के लिए शहीद के घर लोग देर शाम तक पहुंचते रहे। गांव में पसरा सन्नाटा व शहीद के घर से रह-रहकर रोने की आवाजें हर किसी को रुला दे रही हैं। माता-पिता,भाई-बहन व शहीद की भाभी को ग्रामीण व रिश्तेदार ढांढस देते-देते खुद रो पड़ रहे हैं। 

गाँव के सोविन्द, विनोद कुमार, डॉ चन्द्रभूषण, पिंटू सुनील कुमार, शेरू भोला भास्कर आदि ने कहा कि दूसरे दिन भी सभी लोग शोक में डूबे रहे बाहर से आने-जाने वालों को देखकर आंखों में आंसू भर जा रहे हैं।

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