बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षित का आयोजन कर दी गई जानकारी
जिला बाल संरक्षण इकाई की पहल
मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान का सहयोग
बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के पदाधिकारियो का एक दिवसीय प्रशिक्षण
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड में जिला बाल संरक्षण इकाई व मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के पदाधिकारियो का ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह के अध्यक्षता में किया गया।

इस दौरान खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने बताया कि बच्चों के सुरक्षा के लिए ग्राम स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति बनी हुई हैं। मै बच्चों के सुरक्षा हेतु हमेशा तत्पर हूं। उन्होंने बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति से सभी पदाधिकारियों को अपने कार्य जिम्मेदारी के साथ नियमित मीटिंग में प्रतिभाग करने के साथ करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर एल बी शर्मा ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित विभाग के तरफ से पूरी कोशिश करेंगे कि बच्चों को सभी सुविधाएं प्राप्त हो। एल्बेंडाजोल की गोली समय पर बच्चों के साथ वयस्कों को भी दी जानी चाहिए।अन्य बीमारियों से बचा जा सके।
सहायक विकास अधिकारी अरविंद सिंह ने बच्चों के संरक्षण लिए ग्राम पंचायत विकास योजना में मूल भूत आवश्यकताओं के पूर्ति हेतु प्लान करने के लिए कहा। इसके लिये ग्राम स्तर जरूरतों को पता करके बताएं। जिला बाल संरक्षण इकाई से भैयालाल ने कहा कि ग्राम स्तर पर कोई भी बच्चा अगर संदिग्ध परिस्थिति में दिखता है या पाया जाता है तो चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 या पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 पर कॉल अवश्य करें। और अपने स्थानीय समिति ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति को सूचना दे ।
यह समिति बच्चों के सुरक्षा के लिए ही है। समिति द्वारा बच्चों के संरक्षण हेतु प्रत्येक महिने में एक बार अवश्य मीटिंग किया जाता है। बच्चों के संवेदनशील मामलों को देखते हुए और बेटियों के पढ़ाई के लिए भी मुहिम जारी है कि "हमारी बिटिया कम से कम करेंगी ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करें क्योंकि हमारे यहां और गांव में बाल विवाह की पूर्ण है मनाही है। जिससे कम उम्र में शादी करने वाले अभिभावक और बच्चे जागरूक हो और अपने उच्च स्तरीय शिक्षा को प्राप्त कर सके। साथ ही बच्चों से संबंधित योजनाएं स्पॉन्सरशिप योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

गणेश प्रसाद विश्वकर्मा के द्वारा मिशन वात्सल्य के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। तथा ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के माध्यम से बच्चों को सुरक्षित करने के लिए पदाधिकारी को संवेदित किया गया। पंचायत डायरी के माध्यम से बाल श्रमिक बच्चे, संभावित बाल विवाह वाले बच्चे, यौन शोषण के शिकार बच्चे, बाल तस्करी के शिकार बच्चे, शिक्षा से वंचित और अनाथ बच्चों से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया जा सकता है जो की बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी के प्रतिनिधि लिलावती देवी ने कहा गया कि आंगनवाड़ी इस समिति की रीढ़ है जिसको की यह जिम्मेदारी 0 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से पोषाहार दिया गया है। उसके अलावा जो किशोरियां या किशोर का बाल विवाह बाल श्रम में जा रहे हैं या जाने की संभावना है उनको चिन्हित करने के लिए प्रयास करें। पुलिस विभाग से उप निरीक्षक प्रेम सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग श24 घंटे बच्चों के सुरक्षा के लिये तैयार है। शिक्षा विभाग के अवधेश सिंह ने कहा कि बच्चों को संरक्षित करना है तो शिक्षा से जोड़ने के लिए शत प्रतिशत कार्य करने की जरूरत है।
इस दौरान समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री, ग्राम पंचायत सचिव तथा अन्य पदाधिकारी के साथ नारायण प्रसाद सरिता देवी आदि लोग मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन अशोक कुमार ने किया, संचालन मुकेश कुमार तथा प्रीति शर्मा ने किया।
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