भैसौड़ा गांव की नारकीय सड़कों पर उभरा आक्रोश, अधिकारियों की चुप्पी से नाराज़ ग्रामीण

DM साहब-BDO साहब कोई को देखो
कैसे कीचड़ में आने जाने को मजबूर हैं गांव के लोग
हर कोई बना रहा है अलग तरह का बहाना
चंदौली जनपद के चकिया ब्लॉक के भैसौड़ा गांव की जर्जर सड़कों और प्रशासनिक उपेक्षा को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। भारी बारिश और मुहर्रम के मौके पर गांव की सड़कें कीचड़ व गंदगी से इस कदर भर गईं कि स्थानीय लोगों का निकलना भी दूभर हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों और ज्ञापन के बावजूद कोई अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहा।

एआईपीएफ के राज्य कार्यसमिति सदस्य अजय राय और नौगढ़ प्रभारी रहीमुद्दीन ने कई बार संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन देकर भैसौड़ा की सड़क समस्या को उठाया, लेकिन खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम सचिव, उपजिलाधिकारी और ब्लॉक प्रमुख जैसे जिम्मेदार लोग अब तक मौन हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों के पास फोन तक नहीं उठाया जाता और उनकी समस्याएं समाधान दिवसों में सिर्फ दिखावे तक सीमित रह गई हैं।

गांव के प्रधान ने कभी पैसे की कमी, तो कभी गांववासियों के आपसी विवाद, सिंचाई विभाग की NOC या वन विभाग की आपत्ति का बहाना बनाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। लेकिन सच्चाई यह है कि खराब सड़कों से हर ग्रामीण को गुजरना पड़ता है, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वन विभाग की वसूली और वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन में देरी से भी कई गांववासी परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर अधिकारी व कर्मचारी अपनी सुविधा में मस्त हैं, तो दूसरी ओर वे त्रस्त होकर रह गए हैं।
हालांकि ग्रामीणों को उम्मीद है कि वर्तमान जिलाधिकारी, जो संवेदनशील माने जाते हैं, और चकिया से आए उपजिलाधिकारी, जो मेहनती अधिकारी हैं, जल्द ही इस समस्या का समाधान करेंगे। साथ ही ब्लॉक प्रमुख से भी जनप्रतिनिधि होने के नाते तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा है।
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