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प्राथमिक विद्यालय सरैया में समय से नहीं आते अध्यापक, विद्यालय आने में पठन पाठन बदहाल

 परिषदीय विद्यालयों के संचालन के लिए सरकार लाखों रुपया खर्च कर रही है। लेकिन ऐसे लापरवाह शिक्षकों के सहारे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल सुधारना मुश्किल हो रहा है।
 
 

बुधवार की सुबह 10:30 बजे तक मात्र एक अध्यापिका

कई अध्यापक रहे नदारद

कई बार हो चुकी है शिक्षकों पर कार्रवाई

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सरैया पर नियुक्त शिक्षक विद्यालय पर नियुक्त शिक्षक विद्यालय आने में कोई रुचि नहीं दिखाते घर बैठकर वेतन लेने में ही अपनी काबिलियत समझते हैं। नवरात्र की तीन दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को विद्यालय खुला , लेकिन सुबह 10:30 बजे तक मात्र एक अध्यापिका सरोज देवी उपस्थित मिलीं। वहीं बच्चों की संख्या भी केवल 6 थी।

 परिषदीय विद्यालयों के संचालन के लिए सरकार लाखों रुपया खर्च कर रही है। लेकिन ऐसे लापरवाह शिक्षकों के सहारे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल सुधारना मुश्किल हो रहा है।

primary school
कहा जा रहा है कि मनमाने शिक्षकों के कारण नामांकित 120 बच्चों का भविष्य में अधर में है। जबकि विद्यालय में आधा दर्जन अध्यापकों की नियुक्ति है। यहां पर लापरवाह शिक्षकों रवैया बदल नहीं  रहा है। यहां पूर्व में भी बीईओ द्वारा कई लोगों का वेतन काटा जा चुका है। वाबजूद इनके आदत में सुधार नहीं हो रहा है।

 बेसिक शिक्षा विभाग के ऐसे मनमाने शिक्षकों से यहां की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। खण्ड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि अनुपस्थिति शिक्षकों के बारे में जानकारी लिया गया है। नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जायेगा।

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