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पुराने पुल को चालू रखना चाहते हैं शहाबगंज के लोग, बंद करने का जमकर हुआ विरोध

पिछली बाढ़ में पुल की केवल रेलिंग क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि पुल की मूल संरचना पूरी तरह सुरक्षित है। उनकी मांग है कि केवल रेलिंग की मरम्मत करा दी जाए, जिससे पुल को पूर्ववत उपयोग में लाया जा सके।
 

कर्मनाशा पुल को अचानक बंद करने का विरोध जारी

PWD कर्मचारियों का व्यापारियों ने किया विरोध

आक्रोश बढ़ता देख  SHO ने सूझबूझ से संभाला मोर्चा

चंदौली जिले के शहाबगंज कस्बे में स्थानीय कर्मनाशा नदी पर बने पुराने पुल को मंगलवार को अचानक बंद करने पहुंचे लोक निर्माण विभाग (PWD) के कर्मचारियों को व्यापारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुल को दोनों ओर से अवरुद्ध करने के प्रयास की खबर मिलते ही क्षेत्र के व्यापारी आक्रोशित हो उठे और मौके पर पहुंचकर विभागीय कर्मचारियों का काम तत्काल रुकवा दिया।

व्यापारियों का स्पष्ट कहना है कि यह पुल न सिर्फ क्षेत्र की सामाजिक धड़कन से जुड़ा है, बल्कि उनकी आजीविका की रीढ़ भी है। पुल को अचानक बंद करने का निर्णय व्यापारिक गतिविधियों को ठप्प कर देगा, जिससे हजारों परिवारों के सामने रोजगार का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।

protest for closure

व्यापारियों ने बताया कि पिछली बाढ़ में पुल की केवल रेलिंग क्षतिग्रस्त हुई है, जबकि पुल की मूल संरचना पूरी तरह सुरक्षित है। उनकी मांग है कि केवल रेलिंग की मरम्मत करा दी जाए, जिससे पुल को पूर्ववत उपयोग में लाया जा सके। व्यापारियों का आरोप है कि बगैर किसी पूर्व सूचना के पुल को बंद करने का यह प्रयास प्रशासन की जल्दबाजी को दर्शाता है।

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स्थिति तनावपूर्ण होती देख प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए माहौल को शांत किया। प्रभारी निरीक्षक ने व्यापारियों से संवाद स्थापित किया, उनकी चिंताओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वस्त किया। इसके बाद व्यापारी माने और खुद ही अनहोनी को टालने के लिए दोनों तरफ रास्ते को बाँस-बल्ली और रस्सी से बंद कर दिया।

व्यापारी आनंद खरवार, रवि, छग्गन जी, अशोक मौर्या आदि ने कहा कि इस पुल के जरिये ही आस-पास के गांवों से ग्राहक उनकी दुकानों तक पहुंचते हैं। पुल बंद होने से वे कस्बे से सीधा जुड़ाव खो देंगे, जिसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "हम सरकार के काम में बाधक नहीं बनना चाहते, लेकिन हमारी रोज़ी-रोटी का प्रश्न भी महत्वपूर्ण है। पुल को बंद करना हज़ारों लोगों के पेट पर लात मारने जैसा है।"

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व्यापारियों ने यह भी मांग रखी है कि क्षेत्र के प्रमुख जनप्रतिनिधि, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छात्रबली सिंह, के वापस लौटने तक किसी भी तरह का निर्माण या मरम्मत कार्य स्थगित रखा जाए।

पुल बंद होने से केवल व्यापारी ही नहीं, बल्कि आम राहगीर, बुजुर्ग और प्रतिदिन शहाबगंज कस्बे में स्थित स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ने आने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं भी बुरी तरह प्रभावित होंगे। स्थानीय व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि पुराने पुल की तत्काल मरम्मत कराकर इसे जल्द से जल्द यातायात के लिए बहाल किया जाय।

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