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24 घंटे तक हुई लगातार मूसलाधार बारिश से पूरे इलाके में भारी तबाही

 लेवा–इलिया मार्ग पर कलानी गांव की सड़क पर पानी का तेज बहाव जारी है। कलानी और समदा पुलिया के पास पेड़ गिर जाने से एम्बुलेंस घंटों फंसी रही।
 

बारिश से चकिया और इलिया इलाके में तबाही

एक दर्जन कच्चे मकान जमींदोज

सड़कें बनीं नदियाँ

थाना व अस्पताल परिसर डूबे पानी में

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड में शुक्रवार की सुबह से 24 घंटे तक हुई लगातार मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके में भारी तबाही मचा दी है। बारिश ने इलिया कस्बा, ढ़ोढ़नपुर, बरियारपुर, वनभीषमपुर, छीत्तमपुर में दर्जनों मकान धराशाई हो गए हैं। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में जलभराव के चलते लोग घरों में कैद हैं। 36 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप होने से लोग अंधेरे में जीवन बिताने को मजबूर हैं, वही पीने की पानी के लिए चारों ओर हाहाकार में क्या हुआ है।

इलिया कस्बा के गोवर्धन चौहान, कैलाश यादव, अजय राम तथा ढोढ़नपुर गांव के रामअवध मौर्य सहित दर्जनों लोगों के कच्चे मकान बारिश की मार से धराशायी हो गए। जिसके कारण कई परिवार खुले आसमान के नीचे शरण लेने को मजबूर हैं।

लेवा–इलिया मार्ग पर कलानी गांव की सड़क पर पानी का तेज बहाव जारी है। कलानी और समदा पुलिया के पास पेड़ गिर जाने से एम्बुलेंस घंटों फंसी रही। कई संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क टूट गया है। भारी जलभराव के कारण इलिया सहकारी समिति के गोदाम में पानी घुस गया, जिससे करीब 500 बोरी डीएपी खाद पूरी तरह भीग गई। कस्बे का मुख्य मार्ग भी पानी में डूब गया है, जिससे आवागमन ठप है।

इलिया के टेकारी गांव में हालात सबसे गंभीर हैं। दर्जनों घरों में पानी घुस चुका है। गली से लेकर आंगन तक हर ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। इलिया थाना परिसर, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सहकारी समिति और दुर्गावती बालिका इंटर कॉलेज का पूरा परिसर छोटे झील में तब्दील हो गया है। बरांव गांव की सड़कों पर तेज बहाव में पानी बह रहा है। जिसके कारण कंपोजिट विद्यालय लबालब भर गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ गई है।

बुजुर्ग समाजसेवी सोहन राम और वृक्ष बंधु डॉ. परशुराम सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी बारिश कभी नहीं देखी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस बार की बारिश ने 70 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1956 की भीषण बाढ़ के बाद क्षेत्र में इतनी विनाशकारी बारिश पहली बार देखने को मिली है।

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