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चकिया में बसंत ऋतु के आरंभ में जमकर बरसे मेघ, कही-कही ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान तो कही बारिश ने संजीवनी का किया काम

चकिया तहसील क्षेत्र में बसंत ऋतु के आरंभ में आज सुबह एवं शाम में जमकर मेघ बरसे। इस बारिश ने शहाबगंज विकासखंड में जहां फसलों के लिए संजीवनी का काम किया है, वहीं चकिया विकासखंड में ओलावृष्टि होने तथा कुछ जगहों पर सरसों की  फसल तथा आलू की बाकी बची खुदाई को नुकसान पहुंचा है। 
 

चंदौली जिला के चकिया तहसील क्षेत्र में बसंत ऋतु के आरंभ में आज सुबह एवं शाम में जमकर मेघ बरसे। इस बारिश ने शहाबगंज विकासखंड में जहां फसलों के लिए संजीवनी का काम किया है, वहीं चकिया विकासखंड में ओलावृष्टि होने तथा कुछ जगहों पर सरसों की  फसल तथा आलू की बाकी बची खुदाई को नुकसान पहुंचा है। 


बसंत ऋतु की इस बारिश से कहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं तों कहीं मायूसी देखने को मिली है।
  


बताते चलें कि गेहूं की फसल सिंचाई के लिए इस वक्त पानी की जरूरत पड़ी थी ऐसे ऐन वक्त पर हुई भरपूर बारिश से फसल की पूरी तरह से सिंचाई हो गई है। वहीं चना, मसूर दलहनी फसल के लिए यह बारिश संजीवनी का काम किया है।


 जबकि चकिया विकासखंड के पचफेडियां, नेवाजगंज, शिकारगंज में कई जगह ओलावृष्टि होने से दलहनी तथा तिलहनी फसल को नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं की फसल भी प्रभावित हुई है। इतना ही नहीं जिस इलाके में सरसों की फसल पक चुकी थी और आलू की फसल की खुदाई बाकी थी ऐसे फसलों को हुए काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

  


इस संबंध में कृषि एक्सपर्ट कपिल देव सिंह का कहना है कि बसंतकी बसंती ऋतु की यह बारिश उन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है जिनके खेतों की दूसरी सिंचाई बाकी थी और दलहनी फसल को पानी से काफी हद तक लाभ पहुंचा है। इस बारिश से संसाधन विहीन किसानों के खेतों में भी फसल अबकी बार लहलहा उठेगी। जबकि ओलावृष्टि वाले इलाकों में किसानों को कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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