मूसलाधार बारिश के बंद होने के बाद परेशान हैं गांवों के लोग, कौन करेगा इन पीड़ितों की मदद
2 दिनों से हो रही बारिश थमी.. मगर दुश्वारियां जारी
कई गांवों में दर्जनों कच्चे मकान हुए धराशाई
पीड़ित परिवारों ने सरकार व राजनेताओं से मांगी मदद
चंदौली जिला के शहाबगंज विकास क्षेत्र में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के बंद होने के बाद भी दुश्वारियां कम नहीं हुईं। तेज गति की बारिश ने खरौझा से सीहर गांव तक जाने वाला मार्ग के बहने से दूसरे दिन भी आवागमन पूरी तरह ठप रहा। ग्रामीणों को गांव तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है।

बताते चलें कि शुक्रवार की सुबह हुई 24 घंटे की बारिश ने जहां कई तरह के रिकॉर्ड तोड़े, वही बर्बादी का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारी बारिश से कई गांवों में कच्चे मकान धराशाई हो गए। बसाढ़ी में अफसाना, जमील शाहिद, सलीमुन, मसरूर, समीर राजवंश और जियाउल के मकान गिर गए। ग्राम प्रधान मनोहर केसरी ने तत्परता दिखाते हुए जमीला और अफसाना के परिवार को आंगनवाड़ी केंद्र में शरण दिलाई।

इसी तरह शाहपुर गांव में इंद्रासन, नंदलाल, विनोद, राम अवध, सुन्नर, रामजनम, बल्ली, ऋषिकेश, बिहारी, सदानंद, बहादुर, विजय और ललित के मकान धराशाई हो गए। वहीं उसरी गांव में विनोद गुप्ता, कपिलदेव पांडेय, गीता और सियाराम के घरों की दीवारें ढह गईं। सुल्तानपुर क्षेत्र के हीरागढ़ ढ़ोढ़नपुर में रामअवध मौर्य का मकान पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया।

सलयां गांव में भी तबाही का मंजर देखने को मिला, जहां कल्लू, हनुमान, होरीलाल, बाबूलाल और सरजू के कच्चे मकान गिर गए। सौभाग्य से इस आपदा में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन दर्जनों परिवारों का आशियाना उजड़ गया है। प्रभावित परिवारों को खाने-पीने और रहने की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को शीघ्र आर्थिक सहायता और सुरक्षित शरण प्रदान करने की मांग की है।
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