जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

जीवन से मृत्यु तक राम का नाम है अमर, रितेश जी महाराज सुना रहे हैं श्रीराम कथा

माता शबरी प्रभु श्रीराम की अनन्य भक्त थी उसने अपना पूरा जीवन प्रभु के प्रतीक्षा में व्यतीत कर दी, अंत में प्रभु श्रीराम बनवास के दौरान उसके घर गए और उसके प्रेम की बेर को खाया।
 

खरौझा गांव में संपन्न हुई नौ दिवसीय श्रीराम कथा

रितेश जी महाराज ने समझाया राम नाम का आध्यात्मिक महत्व

धार्मिक झांकी ने मोहा श्रद्धालुओं का मन

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत खरौझा गांव के हनुमान मंदिर पर चल रही नव दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथावाचक रितेश जी महाराज ने कहा कि जिस घर में भाई का भाई से प्रेम हो और पत्नी पति की विपरीत परिस्थितियों में उनका सहयोग करें। उस घर में कभी भी अशांति नहीं हो सकती।

Ramkath

हनुमान सेवा समिति की ओर से आयोजित कथा में श्रोताओं को श्रीराम कथा सुनाते हुए रितेश जी महाराज ने कहा कि एक संख्या के आगे शून्य बढ़ाते रहने से उसका मान सैकड़ा, लाख, करोड़, अरब से लेकर अनगिनत संख्या तक बढ़ जाती है। लेकिन जैसे ही शुरू के एक संख्या को हटाते हैं वैसे ही अनगिनत संख्याएं शून्य हो जाती है। उसी प्रकार राम का नाम एक है राम के नाम को हटा दें तो जीवन शून्य हो जाता है। जीवन से लेकर मृत्यु तक एक राम का नाम ही अमर है। माता शबरी प्रभु श्रीराम की अनन्य भक्त थी उसने अपना पूरा जीवन प्रभु के प्रतीक्षा में व्यतीत कर दी, अंत में प्रभु श्रीराम बनवास के दौरान उसके घर गए और उसके प्रेम की बेर को खाया। भगवान प्रेम के भूखे होते हैं वह भक्त की परीक्षा लेते हैं कि भक्त का भगवान के प्रति कितना स्नेह है। अगर भगवान की परीक्षा में भक्त पास हो गया तो भगवान उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं।

Ramkath

कथावाचक रितेश जी ने कहा कि रावण अत्यंत बलशाली था उसने आकाश तक विजय प्राप्त कर ली थी मगर धरती पर जीने की कला उसने नहीं सीखी थी। धरती पर जीने की कला सिर्फ राम नाम में है अगर वह राम नाम का जप लिया होता तो उसे जीवन जीना आ गया होता। रावण का अभिमान उसके अंत का कारण बना और प्रभु श्रीराम ने उसके अभियान का अंत किया। लंका से पुष्पक विमान द्वारा अयोध्या आने पर राम के राज्याभिषेक की कथा  सुनाते ही पूरा पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज पड़ा। अंत में प्रभु श्रीराम, जानकी जी, लक्ष्मण, हनुमान, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र सहित अन्य पूज्य देवताओं की मनमोहन झांकी निकाली गई। आयोजक सहित कथा में उपस्थित विशिष्ट जनों ने भगवान के रूप में निकली झांकी का आरती करके अंतिम दिन की कथा को विश्राम दिया।

Ramkath

कथा में वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह, ग्राम प्रधान राजन सिंह, अस्पताल सिंह, जयप्रकाश शर्मा, अजय सिंह, त्रिवेणी द्विवेदी, शशिकांत पांडेय, लालजी मौर्य, रूद्र प्रिया सिंह, गीता सिंह, रीता सिंह, मीरा सिंह सहित तमाम श्रोता उपस्थित रहे।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*