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प्रभु श्रीराम ने माता कौशल्या को दिखाया असली रूप, माता की शंकाओ का किया समाधान

अमांव गांव में चल रहे कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन कथावाचक पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास महराज  ने भगवान श्रीराम के बाल लीला का वर्णन किया।
 

बाबा मुरलीधर खेल मैदान में राम कथा

नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन

कथावाचक पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास सुना रहे प्रसंग

चंदौली जिले में शहाबगंज क्षेत्र के अमांव गांव में चल रहे कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन कथावाचक पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास महराज  ने भगवान श्रीराम के बाल लीला का वर्णन किया। इस दौरान भक्त विभोर हो गए।


सुमधुर संगीत के बीच बताया कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई। जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गए नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया।

Ramkatha in amawan village


इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया। इस ²श्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना रूप दिखाकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो उन के चरणों पर गिर पड़ी।

Ramkatha in amawan village


इस दौरान गायक मंडली द्वारा भजन आदि सुना कर श्रद्धालुओं का मन मोह रहे थे। इस मौके पर राज नारायण चौहान सियाराम गुप्ता, पंकज जायसवाल, सिद्धू विश्वकर्मा, श्याम नारायण चौहान दिनेश चौहान विजय चौहान भोनू चौहान , दशरथ गुप्ता मंगरु गोंड, नंदू यादव राधेश्याम गुप्ता कमलेश यादव हौशील यादव धीरज यादव कपिल मुनि चौहान समेत अन्य श्रोतागण मौजूद रहे वही कार्यक्रम का संचालन अवधेश जायसवाल ने किया।


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