अमांव गांव में चल रही रामकथा का राज्याभिषेक के साथ हुआ समापन
9 दिवसीय रामकथा का समापन
बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रही थी कथा
पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास ने सुनायी कथा
चंदौली जिले में शहाबगंज क्षेत्र के अमांव गांव में कर्मनाशा नदी के मनोरम तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रही 9 दिवसीय श्रीराम कथा के ज्ञानमहायज्ञ का समापन हुआ पातालपुरी पीठाधीश्वर स्वामी बालकदास ने रामकथा के आखिरी दिन प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक की कथा का वर्णन किया। कथा वाचक पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास ने मानसप्रेमियों का बताया कि रामचरितमानस प्रेम और जीवन जीने की कला सिखाती है।
आपको बता दें कि आखिरी दिन राज्याभिषेक के समय राजा रामचंद्र जी के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा । उन्होंने रावण वध और राम राज्याभिषेक की कथा का वर्णन किया। बताया कि भगवान राम जब रावण को मारकर अयोध्या वापस आए तो अयोध्यावासियों ने उनका बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया।
अयोध्यावासियों ने फूल वर्षा कर तथा घर में उत्सव मनाकर घी के दिए जलाकर के राम, लक्ष्मण तथा सीता का स्वागत किया। श्री रामचंद्र जी के राज्याभिषेक में समस्त ब्रह्मांड के देवी देवता पधारे थे। सभी ने राम को राजा बनते देखकर अपार हर्ष व्यक्त किया था।
कथा भाई -भाई से प्रेम और जीवन जीने की कला सिखाती हैं- छत्रबली सिंह
बताते चलें कि वहीं कथा का शुभारंभ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह आरती कर किया और कथा को संबोधित करते हुए कहा ने कि रामायण संमार्ग पर चलना सिखाती है।सीता हरण, सुग्रीव मित्रता,शबरी की कथा का मनोहारी वर्णन किया। श्रीरामचरितमानस "भाई -भाई से प्रेम और जीवन जीने की कला सिखाती है।
इस अवसर पर कुलदीप सिंह पूर्व प्रधान बाबिल सिंह, अनिल गुप्ता सुनील चौहान, जितेंद्र वर्मा राजू चौहान, शालिक चौहान, श्याम नारायण चौहान, भोनू चौहान, बब्बू जायसवाल, अजय कुमार बजरंगी दिनेश मंगरु अमित सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। वही कार्यक्रम का संचालन हौसिला विश्वकर्मा ने किया।
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