भगवान सदैव भक्तों की करते हैं रक्षा: मारुति किंकर जी

इलिया में नव दिवसीय श्रीराम कथा का छठवां दिन
प्रभु श्रीराम के वनवास प्रसंग ने श्रोताओं को किया भावुक
कैकेयी को दोषी मानने की प्रवृत्ति को बताया अज्ञान का प्रतीक
चंदौली जिला के इलिया में चल रहे नव दिवसीय श्रीराम कथा के दौरान कथावाचक मारुति किंकर जी ने कहा कि भगवान सदैव भक्तों की रक्षा करते हैं। जैसे जगत के कल्याण के लिए समुद्र मंथन में सबसे पहले निकले विष का पान भगवान शंकर ने करके भक्तों की रक्षा किया। 14 वर्ष का वनवास दिलाने वाली माता कैकेयी की दोष सिद्ध किया। इलिया कस्बा में आयोजित संगीत में श्री राम कथा की छठवें दिन काशी से पधारे रामानुजाचार्य मारुति शंकर जी ने श्रोताओं को श्री राम कथा का रसपान कराते हुए कही।

कथावाचक ने कहा कि प्रभु श्रीराम के वनवास जाने की खबर जब भरत जी को मिलती है तो वह पिता राजा दशरथ की मृत्यु शोक को भूलकर विचलित हो उठते हैं। और गुरु वशिष्ट, तीनों माताओं के साथ भैया राम से मिलने दंडक बन पहुंचते हैं। जहां प्रभु श्रीराम को देखकर उनके नेत्र से आंसुओं के धार बहने लगते हैं। प्रभु श्रीराम को भरत से पिता दशरथ के परलोक सिधारने की खबर मालूम होती तो उन्हें अपार पीड़ा होती है। इसके बाद भी तीनों माताओं वह सबसे पहले माता कैकेयी से ही मिलने जाते हैं। कैकेयी ने अपनी गलती को स्वीकार कर दुखी हो रही थी लेकिन वहां प्रभु श्रीराम ने उन्हें इसका दोष कॉल, कर्म और ब्रह्मा के विधि विधान को बताया। यहां तक कहा कि माता कैकेयी को जो दोषी मानेगा वह जड़ है, ऐसा वही करेगा जिसने गुरु की सेवा और साधु समाज का सेवन सत्संग नहीं किया। अंत में आरती के साथ ही छठें दिन की कथा को विश्राम दिया गया।

कथा में विनय कुमार, शिवधनी गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, राधा कृष्णा जायसवाल, राज किशोर, दशरथ केसरी, अरविंद केसरी, अशोक केसरी, रमेश गुप्ता, अनुज गुप्ता, महानंद चौबे, राधिका देवी, निरुपमा केसरी, रंजू गुप्ता, सुशीला देवी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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