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मारुति किंकर सुना रहे हैं रामकथा, बोले- रामचरितमानस आज की जरूरत, व्यक्ति-परिवार-समाज व विश्व के कल्याण का ग्रंथ

श्रीराम कथा के दूसरे दिन काशी से पधारे रामानुजाचार्य मारुति किंकर जी ने श्रोताओं को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए कही। उन्होंने कहा कि मानस की दो विरोधी विचार धाराएं हैं।
 

इलिया में श्रीराम कथा का भव्य आयोजन

काशी से पधारे रामानुजाचार्य मारुति किंकर जी ने किया कथा वाचन

रामचरितमानस जीवन के हर स्तर के लिए प्रेरणास्रोत

चंदौली जिला के इलिया में राम कथा सुनाते हुए मारुति किंकर जी कहते हैं कि रामचरित मानस व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व के कल्याण का ग्रंथ है। मानस व्यक्ति में सदाचार, परिवार में सामंजस्य, समाज में सौहार्द्र, राष्ट्र में मंगल और विश्व में शान्ति के स्थापना करने की प्रेरणा प्रदान करता है।

इलिया कस्बा में आयोजित संगीत में श्रीराम कथा के दूसरे दिन काशी से पधारे रामानुजाचार्य मारुति किंकर जी ने श्रोताओं को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए कही। उन्होंने कहा कि मानस की दो विरोधी विचार धाराएं हैं। एक तरफ श्रीराम का चरित्र तो दूसरी तरफ रावण का आचरण है। श्रीराम के चरित्र में विद्या, और रावण के आचरण में अविद्या का दर्शन होता है। विद्या मानव को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान कर भविष्य को उज्जवल बनाती है। और अविद्या अनैतिक मार्गों पर अग्रसर कराकर भविष्य को अंधकारमय कर देती है।

Ramkatha in Eliya

कथावाचक मारुति किंकर जी ने कहा कि विद्या के प्रतीक श्रीराम, जन- जन का कल्याण के लिए सत्य, तप, दया, दान आदि धर्म का पालन कर सदाचार की प्रेरणा प्रदान करते हैं। और रावण ठीक इसके विपरित असत्य, विलासिता, क्रूरता और भोग साधनों का संग्रह कर दुराचार रत रहता है। कथावाचक कहते हैं कि वर्तमान युग में प्रत्येक मनुष्य जहां उद्विग्नता, कलह, अशांति, ईर्ष्या, द्वेष, छल, कपट आदि प्रपंचों में फंसा है। ऐसी विषम परिस्थितियों में श्रीराम चरित मानस वैसे सहायक है जैसे समुद्र की लहरों में फंसे मनुष्य को बचाने के लिए कोई विमान लेकर आ जाय। प्रत्येक मनुष्य को अपने कल्याण के लिए श्रीराम चरित मानस का अध्ययन तथा श्रवण अवश्य करना चाहिए, तभी मानव रूपी जीव को मुक्ति प्रदान हो सकेगी।

इस कथा में विजय गुप्ता,कैलाश मोदनवाल,राधाकृष्ण जायसवाल,जीउत चौरसिया,राजकुमार गुप्ता, सुभाष मोदनवाल, चम्पा देवी,राधिका देवी,लक्ष्मीना देवी,रीमा देवी,पलक कुमारी, मंशा देवी सहित तमाम श्रोतागण उपस्थित रहे।

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