रीडिंग कार्नर से छात्रों में पढ़ने की आदत होगी विकसित, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा को मिलेगा नया आयाम

28 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में रीडिंग कार्नर की योजना को मंजूरी
करीब सात हजार छात्र-छात्राओं को मिलेगा सीधा लाभ
चकिया, नौगढ़ समेत कई स्कूलों में मल्टीपरपज हॉल का निर्माण कार्य जारी
चंदौली जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन के स्तर को बेहतर बनाने और छात्रों में पढ़ने की प्रवृत्ति विकसित करने के उद्देश्य से रीडिंग कार्नर की व्यवस्था की जा रही है। समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना में इस पहल को स्वीकृति मिल गई है। जिले के 28 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग सात हजार विद्यार्थियों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

शिक्षा विभाग का मानना है कि पुस्तकालय किसी भी विद्यालय का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग होता है। यह छात्रों के आत्मपाठ, सोचने और समझने की क्षमता को विकसित करने में सहायक होता है। रीडिंग कार्नर बनाए जाने से विद्यार्थियों की भाषा क्षमता, शब्द भंडार और समझने की शक्ति भी बेहतर होगी। डीआइओएस देवेंद्र सिंह ने बताया कि “पुस्तकालय के लिए अलग-अलग पीरियड तय किए जाएंगे ताकि प्रत्येक छात्र की उपस्थिति सुनिश्चित हो और पढ़ाई का स्तर सुधरे।”

समग्र शिक्षा के तहत पुस्तकालयों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र स्वयं पुस्तकालय में जाकर विभिन्न विषयों की किताबें पढ़ें और अपने ज्ञान को व्यापक बनाएं। शिक्षक भी इसका लाभ उठा सकेंगे। खाली समय में वे भी पुस्तकालय में अध्ययन कर अपनी शैक्षिक गुणवत्ता को निखार सकेंगे। विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक विद्यालय में किसी एक सहायक अध्यापक या प्रवक्ता को पुस्तकालय प्रभारी नियुक्त किया जाएगा, जो पुस्तकालय और रीडिंग कार्नर के संचालन को सुचारू बनाएगा।
इन स्कूलों में बन रहा मल्टीपरपज हाल
इसके अलावा जिले के कुछ राजकीय स्कूलों में आधारभूत संरचना को भी मजबूत किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। इस धन से राजकीय इंटर कॉलेज चकिया, नौगढ़, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सैयदराजा और दिघवट, राजकीय हाईस्कूल मूसाखाड़, देवरीकला और गोलाबाद में मल्टीपरपज हॉल का निर्माण कराया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
शिक्षा विभाग का यह प्रयास विद्यालयों में एक बेहतर और अनुकूल शैक्षणिक वातावरण तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित होगी बल्कि शिक्षक भी खुद को अपडेट रख सकेंगे। यह पहल जिले की सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता वाली शिक्षा की दिशा में एक ठोस प्रयास मानी जा रही है।
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