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चकिया के इन गांवों में नहीं कम हो रहा खौफ, किए जा हैं सुरक्षा के लिए कई उपाय

चंदौली जिले के शिकारगंज क्षेत्र के डकही और दाउदपुर के पहाड़ों के पास जंगली जानवर के हमले में सात लोगों के जख्मी होने के बाद गांव में दूसरे दिन भी दहशत रही।
 

जंगली जानवर के हमले में सात लोगों के जख्मी होने के बाद गांव में दहशत का माहौल

डर के कारण रात भर सो नहीं रहे ग्रामीण

चंदौली जिले के शिकारगंज क्षेत्र के डकही और दाउदपुर के पहाड़ों के पास जंगली जानवर के हमले में सात लोगों के जख्मी होने के बाद गांव में दूसरे दिन भी दहशत रही। तीन गांवों के लोग पूरी रात सो नहीं पाए। वही वन विभाग ने कांबिंग के साथ ही ढोकवा पहाड़ के नीचे पिंजड़ा लगाने के साथ ही एक पेड़ पर नाइट विजन सीसी कैमरा भी लगाया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को अकेले बाहर न भेजने और किसानों से समूह में खेत पर जाने अपील की है। 


आपको बता दें कि बुधवार की देर रात जंगली जानवर ने कुसही, डकही और दाउदपुर गांव में ग्रामीणों पर हमला कर दिया था। इसमें सात लोग जख्मी हुए। घटना से इलाके में दहशत है। वन विभाग की टीम जंगली जानवर की पहचान के साथ ही उसकी खोज में जुट गई। जानवर की दहशत से पूरी रात ग्रामीण सो नहीं सके। शुक्रवार को समूह में एकत्र होकर ग्रामीणों ने भी पहाड़ के पास जंगल में जानवर की तलाश की लेकिन न तो कोई सुराग मिला। न ही उसके पदचिह्न ही दिखे। 

काशी वन्य जीव प्रभाग के उप प्रभागीय अधिकारी सत्यपाल सिंह, वन रेंजर योगेश कुमार सिंह ने गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों से मुलाकात की और घायलों से जानवर के हुलिये के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने बच्चों को अकेले बाहर न भेजने, रात में बाहर न सोने और अकेले जंगल की तरफ न जाने की अपील की। कहा कि ग्रामीण व किसान खेत पर समूह में जाए। अकेले काम न करें।

Safety Efforts After Wild Animals Attacked

शिकारगंज वन क्षेत्र में बढ़ रहे जैविक दबाव के कारण वन्य जीवों की आहार श्रृंखला प्रभावित हुई है। उनके सुरक्षित प्रवास पर भी संकट खड़ा हो गया है। इसके कारण खतरनाक वन्य जीव मानव बस्तियों में पहुंच रहे हैं। हमले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। 

वन क्षेत्र में तेंदुआ या गुलदार, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िया, लोमड़ी, जंगली सूअर बड़ी संख्या में हैं। वर्ष 2022- 23 की वन्य जीव गणना की रिपोर्ट के मुताबिक वन क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या पांच दर्शायी गई है। इसमें दो नर दो मादा और एक बच्चा है। वन क्षेत्र में भालू 170 हैं, जिसमें 80 नर, 60 मादा और 30 बच्चे हैं। भेड़िया पांच नर चार मादा और दो बच्चे मिलाकर 11 दिखाई गई है। लकड़बग्घे की संख्या 135 है जिसमें 80 40 मादा और 15 बच्चे दर्ज हैं। 200 लोमड़ियों में 85 नर 80 मादा और 35 बच्चे हैं। जानकारों का कहना है कि इनकी पहचान सीसीटीवी कैमरा और उनके फुट मार्क के आधार पर की गई। जबकि वह इससे भी अधिक हैं। क्षेत्र में हिंसक वन्य जीवो के आहार खरगोश, चीतल, शाही जैसे वन्य जीव मानवों का आहार बना रहे हैं।

                                                                                                                                                                                                                                                                              

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