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किसानों ने संकल्प दिवस के रूप में मनायी किसानों के मसीहा महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने कहा कि बाबा महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के मसीहा थे। किसान और किसानी के सच्चे हमदर्द थे।आज बाबा किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है।
 

 शहाबगंज ब्लॉक के ग्राम सभा अमांव में आयोजन

13वीं पुण्य तिथि पर याद किए गए महेंद्र सिंह टिकैत

आंदोलन जारी रखने का लिया गया संकल्प

चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक के ग्राम सभा अमांव के मुरलीधर प्रांगण  में किसानों के मसीहा बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की 13वीं पुण्य तिथि संकल्प  दिवस के रूप में मनायी गयी। जिसमें क्षेत्र के किसानों ने शिरकत करके किसानों की लड़ाई में महेंद्र सिंह टिकैत की भूमिका पर चर्चा की और किसानों की लड़ाई को जारी रखने का संकल्प लिया।

किसान नेताओं ने कहा कि किसानों ने अपने कृषि साधन-संसाधन और ट्रैक्टरों से स्टेडियम पर पहुंचकर बाबा के चित्र पर  माल्यार्पण कर एक सभा कर उनके संघर्षों और जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। स्टेडियम में सैकड़ों किसान मौजूद थे। किसानों ने किसानी के साथ साथ जल, जंगल,  जमीन  और पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया।


भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने कहा कि बाबा महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के मसीहा थे। किसान और किसानी के सच्चे हमदर्द थे।आज बाबा किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने हमारे आने वाले पीढ़ियों के लिए संघर्ष किया,अब हमारी बारी है कि हम उनके सपनों को साकार करें, तभी हमारी और आपकी जिम्मेदारी पूरी होगी। आज किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुवा है, सरकारें किसानों का सुध न लेकर पूंजीपतियों का कर्जा माफ कर रही। जबकि देश का किसान बकायदा टैक्स देकर बराबर का भागीदार है। देश मे पहली बार किसानों के साधन संसाधन, बीज आदि आदि  पर 18% जीएसटी लगाकर जजिया कर  लगाने जैसा काम कर रही है। सरकार फसलों का वास्तविक मूल्य न देकर, किसानों को कुचलने जैसा प्रयास कर रही है।

Sankalpa Diwas
किसान नेता ने कहा कि धान का कटोरा कहे जाने वाले जिले में नहरों की खास्ताहाल है। ट्यूबवेल भगवान भरोसे चल रहे। जिले के किसान को चंदौली मझवार  और सकलडीहा रेलवे स्टेशन पर कोरोना के पहले लंबी दूरी की रुकने वाली ट्रेनें अब रुक नहीं रही हैं। जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। जिले में और सरकारी मंडी की जरूरत है, लेकिन नई मंडी खोलने के लिए सरकार उदासीन है। जिले का किसान कुल मिलाकर बैकफुट पर हैं। किसानों ने कहा कि इसीलिए बाबा के बताए रास्तों पर चलकर किसान अपना हक लेकर ही रहेगा। चाहे इसके लिए बड़ा से बड़ा धरना करने  या जेल जाना ही क्यों न पड़े।

जिलाध्यक्ष सतीश सिंह चौहान ने कहा कि किसान अपने ताकत को पहचानें। एक समय महेंद्र सिंह टिकैत के हुक्के की गुड़गुडे से दिल्ली की सत्ता हिल जाती थी। उसका उदाहरण दिल्ली के तमाम बार्डरों पर 13 महीने चला किसान आंदोलन। जिसमे किसानों की जीत हुई। आज भी बाबा के विचार अनुकरणीय है। हमे इसे लेकर आगे बढ़ना होगा।  विषम परिस्थितियों में बाबा का चेहरा  धैर्य से लड़ने की प्रेरणा देता है। आज किसानों को बड़ी संख्या में संगठन से जुड़ने की जरूरत है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद भाकियू टिकैत,जिले की 40 सूत्रीय समस्याओं को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का काम करेगा।

सभा मे जिला कार्यकरिणी के रूप में जिला उपाध्यक्ष रामदुलारे कन्नौजिया, छोटे लाल चौहान मोछू, जिला मंत्री भोलई चौहान,  झंटू राजभर, कोषाध्यक्ष खिचडू चौहान, तहसीलध्यक्षों के क्रम में  चकिया अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह, सदर अध्यक्ष कन्हैया, सकलडीहा अध्यक्ष श्रवण, मुगलसराय अध्यक्ष अलाउद्दीन, संगठन मंत्री हाकिम सुलेमानी, ब्लाक अध्यक्षों के कड़ी में सदर प्रभाकर मौर्या, शहाबगंज-बरहनी जीउत मौर्या, चहनियां  बहादुर यादव, धानापुर जीउत पाल साथ में क्षेत्र के मानिंदश्याम यादव, त्रिपुरारी यादव, उदय नारायण चौहान, मेवा चौहान, कृपा शंकर पटेल, सद्दाम हुसैन, प्रमोद चौहान, अरविंद गुप्ता, पारस चौहान, अलीम,  शहंशाह ने भी अपने विचार ब्यक्त किये और विचार के माध्यम से श्रध्दांजलि अर्पित किए।
सभा की अध्यक्षता शंभु चौहान और संचालन  मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने किया।

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