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राजकीय महाविद्यालय का आवास खंडहर में तब्दील, प्राचार्य आवास बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

चंदौली जिला के चकिया स्थित सावित्रीबाई फुले राजकीय महाविद्यालय में पिछले 7 वर्षों से प्राचार्य की नियुक्ति न होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।
 

7 वर्षों से नहीं हुई प्राचार्य की नियुक्ति

हर वर्ष आवास के रंग रोगन व मरम्मत के लिए आता है बजट

शिक्षक पढ़ाने की जगह लैपटॉप खोलकर शेयर मार्केट में रहते हैं मशगूल

 

चंदौली जिला के चकिया स्थित सावित्रीबाई फुले राजकीय महाविद्यालय में पिछले 7 वर्षों से प्राचार्य की नियुक्ति न होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। महाविद्यालय में पीने के पानी शौचालय तथा साफ सफाई के अभाव के साथ-साथ कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए बना हुआ कंप्यूटर कक्ष वर्षों से बंद है। जिससे अति पिछले क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा लेने के लिए बना हुआ राजकीय डिग्री कॉलेज मात्र शो पीस बनकर रह गया है। 


कॉलेज के छात्रों ने बताया कि प्रोफेसर लोग पढ़ाई के वक्त क्लासरूम की जगह अलग कक्ष में बैठकर लैपटॉप खोलकर शेयर मार्केट की स्थिति देखने में व्यस्त रहते हैं। ऐसी स्थिति में विषय वार कक्षाएं खाली रहती हैं। प्रोफेसर लोगों की कार्यप्रणाली को देखकर बहुत से छात्र कॉलेज जाना पसंद नहीं करते। इतना ही नहीं महाविद्यालय में विद्यार्थियों के साथ भेदभाव भी बरता जाता है। शिक्षकों की कार्य प्रणाली बताने के कारण वर्ष 2024-25 में बहुत से छात्रों का छात्रवृत्ति फार्म भी नहीं लिया गया जिससे शिक्षा अर्जन के लिए मिलने वाले सहायता राशि से भी बहुत से छात्र वंचित रह जायेंगे।


इसके अलावा कॉलेज में लाइब्रेरियन, सफाई कर्मी की नियुक्ति न होने से चारों ओर गंदगी का अंबार लगा रहता है। यही नहीं चुनाव के समय कई पार्टी के नेताओं द्वारा डिग्री कॉलेज में विज्ञान और कॉमर्स वर्ग की शिक्षा प्रारंभ करने का आश्वासन देने के बावजूद आज तक कक्षाएं संचालित न होने से विद्यार्थियों को अन्य जनपदों में जाना मजबूरी हो गया है। कॉलेज में लिपिक से लेकर शिक्षकों तक की तानाशाही चलती है। जिसको प्रभारी प्राचार्य संभालने में नाकामयाब साबित हो रही है। जिससे कॉलेज का शिक्षण व्यवस्था में पटरी हो गया है। इन सभी दुर्व्यवस्थाओं को लेकर लोगों में आक्रोश है।

आपको बता दें कि सावित्रीबाई फुले राजकीय महाविद्यालय चकिया में पिछले 7 वर्षों से प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में महाविद्यालय की प्रोफेसर संगीता सिन्हा प्राचार्य के प्रभार का पद संभाल रही है। जिनकी कार्य प्रणाली को लेकर भी लोगों में नाराजगी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि महाविद्यालय में प्राचार्य के लिए बकायादे प्राचार्य आवास बनाया गया।लेकिन नियुक्ति नहीं होने से प्राचार्य आवास झाड़ झंकार से पट गया है,तथा असामाजिक तत्वों का डेरा हो गया है।जिसको लेकर लोगों में गहरा आक्रोश है।


प्राचार्य आवास के रंग रोगन व मरम्मत के लिए प्रतिवर्ष शासन से बजट आता है, लेकिन रंग रोगन व मरम्मत न कराकर धन का गोलमाल कर दिया जाता है। लोगों ने बताया कि बार-बार मांग करने के बावजूद आज तक कालेज प्रशासन छात्रों की शिक्षा तथा बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण अति पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने मांग किया है कि कॉलेज में सिंह प्राचार्य की नियुक्ति तथा उत्पन्न दुर्व्यवस्थाओं को दूर किया जाय जिससे शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न की जा सके। 

 इस संदर्भ में जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह का मामला है तो उच्च शिक्षा विभाग को निर्देशित कर जांच कराया जाएगा। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।

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