मनरेगा मजदूरी भुगतान में देरी पर दिख रहा है रोष, शहाबगंज में नेता ने कार्यदायी संस्था पर मुकदमे की चेतावनी दी
मनरेगा कानून का हो रहा है उल्लंघन
जून माह से बकाया मजदूरी न मिलने पर मजदूरों ने घेरा ब्लॉक मुख्यालय
बीडीओ ने दिया भुगतान का आश्वासन
मनरेगा मजदूरों को कई महीनों से भुगतान नहीं
अजय राय ने दी मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी
चंदौली जिले के शहाबगंज इलाके में मनरेगा योजना को कानून बताते हुए, मजदूरों से काम कराने के बाद कई महीनों तक मजदूरी का भुगतान न करने को कानूनी अपराध करार देते हुए, सोमवार को शहाबगंज ब्लॉक मुख्यालय पर सैकड़ों मनरेगा मजदूरों ने एआईपीएफ (AIPF) नेता के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया। मजदूरों ने लंबित मजदूरी का तत्काल भुगतान करने और भुगतान न होने पर कार्यदायी संस्था पर मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई।

एआईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय के नेतृत्व में, रसिया ग्राम पंचायत के मनरेगा मजदूरों ने अपनी समस्या खण्ड विकास अधिकारी (BDO) के समक्ष रखी। मजदूरों ने बताया कि उन्होंने जून माह में विभिन्न जगहों जैसे "सचइ के खेत से बुल्ला के खेत तक", "मोती के खेत से भुजाली के खेत तक" और "काली जी मंदिर से साईफन तक" काम किया था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है।

मनरेगा कानून का घोर उल्लंघन
अजय राय ने खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह से स्पष्ट कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक कानून है, जिसके तहत काम कराने के 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मजदूरों ने लिखित तौर पर काम करने के दिन और लगी हुई हाजिरी का प्रमाण पेश किया है, ऐसे में मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं हो रहा है, यह मनरेगा कानून का घोर उल्लंघन है।

राय ने मनरेगा में चल रहे भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्टररोल किसी और मजदूर के नाम पर निकाला जा रहा है, और काम किसी और मजदूर से कराया जा रहा है, जिससे कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। साथ ही, मोबाइल से निगरानी में भी कम मजदूरों को कार्य पर लगाकर पुरानी फोटो लगाने जैसे धांधली के खेल हो रहे हैं।

बीडीओ का आश्वासन और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
मनरेगा मजदूरों की समस्या सुनने के बाद खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मजदूरों की उपस्थिति (हाजरी) की लिस्ट तैयार कराकर और सभी मजदूरों के हस्ताक्षर कराकर जमा करवाएं। बीडीओ ने आश्वासन दिया कि बकाया मजदूरी का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करा दिया जाएगा।

हालांकि, एआईपीएफ नेता अजय राय ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर मजदूरी का भुगतान नहीं होता है, तो मजदूर कार्यदायी संस्था के साथ-साथ कार्य की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर भी थाने में मुकदमा दर्ज करवाएंगे।
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