शोभायात्रा निकालकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई

शोभायात्रा ने सैदूपुर, सरैया, बसाढी और खरौझा का किया भ्रमण
बाबा साहब के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि
वक्ताओं ने बाबा साहब के संघर्ष और उनके योगदान को किया याद
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत महामाया सरोवर बौद्ध विहार सैदूपुर के तत्वावधान में संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान महामाया सरोवर से निकाली गई शोभा यात्रा किसान इंटर कॉलेज सैदूपुर होते हुए पूरे कस्बा, सरैया, बसाढी, खरौझा का भ्रमण किया। शोभा यात्रा वापस लौटकर बौद्ध बिहार सरोवर पहुंची। जहां बाबा साहब के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत जैसी अमानवीय चीजों को जीवन में झेला, लेकिन कभी हार नहीं माना। कठिनाइयों के बावजूद भी उन्होंने डॉक्टरेट जैसे उपाधि की उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया। वह भारतीय संविधान के शिल्पकार बने। उन्होंने सुनिश्चित किया कि देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, भाषा या वर्ग के हो उसे समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त हो। आज उनके बनाए संविधान के तहत हम सभी शोषित, दलित, पिछड़ों को अपना अधिकार मिलने में कामयाबी मिल रही है।

वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब कहा करते थे कि मैं मूर्तियों में नहीं किताबों में हूं, मुझे पूजने की नहीं पढ़ने की जरूरत है। क्योंकि शिक्षा ही ऊंचाइयों पर ले जाने में कामयाब होगी। हमें उनके बताएंगे रास्ते पर चलने की जरूरत है। तभी हम समाज में फैल रहे कुरीतियों को मिटाने में कामयाब होंगे।
इस कार्यक्रम में लालजी प्रसाद, नंदलाल, डां बुद्ध प्रताप, नंदलाल शास्त्री, सनी कुमार, श्रीकांत कुशवाहा, वासुदेव मौर्य, लाल बहादुर, लोकपति बलवंत सिंह शाहिद तमाम लोग मौजूद रहे।
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