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बरहुआ गांव में चल रही है संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा, राधारमण आचार्य जी के मुखारबिंद से श्रोता हो रहे गदगद

कथावाचक ने कहा कि कलयुग में जो मनुष्य का तन प्राप्त हुआ वो जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है। लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है।
 

भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव होता है कल्याण

पहले जो फल तपस्या करने से दुर्लभ था वो कलयुग में भगवान स्मरण से संभव

राधारमणाचार्य ने गिनाए भगवान के नाम के संकीर्तन के लाभ

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत बरहुआ गांव में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन की कथा में व्यास राधारमण आचार्य जी ने बताया कि दुनिया मे अगर सबसे बड़ा सुख है तो भगवान का नाम, इससे बढ़कर कोई दूसरा सुख और सम्पदा नहीं, भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण होता है।

shrimad bhagwat katha

कथावाचक ने कहा कि कलयुग में जो मनुष्य का तन प्राप्त हुआ वो जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है। लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। भगवान के लीला-कर्मो में महराज जी ने कहा कि कलयुग में मनुष्य का मन असंयमित रहेगा उसके शरीर में रोगों की बाहुल्यता बनी रहेगी, मनुष्य की आयु बहुत भी  बहुत कम रहेगी झूठ का बोल बाला रहेगा लोगों में व्यभिचार और छल-कपट से  भरा रहेगा लेकिन भगवान के नाम संकीर्तन करते से इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है।

कथा में मुख्य रुप से राजेंद्र सिंह मौर्य, मालती देवी, रमाकांत मौर्य, श्रीकांत सिंह,स्वामी नाथ उपाध्याय, जगनारायण दूबे, पन्ना लाल दूबे, लालमन यादव, शिवनारायण मौर्य, आरती देवी, गीता देवी, संजना मौर्य, चंद्रकला मौर्य, नेहा, निधि, सलोनी, सूरज कुमार, निखिल कुमार, रविकांत मौर्य, नितेश कुमार, रामकिशन, सूर्यनाथ यादव, गुलाब सिंह यादव, गोविंद मौर्य सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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