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कौन सुलझाएगा एक बीघा के तालाब के लिए वर्षों से चल रही जंग, कौन लेगा तालाब की मछली

वन विभाग को पता नहीं और तालाब में मछलियां पल रही हैं। इस मामले में जब हल्का लेखपाल से बात किया गया तो उन्होंने बताया मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। जब हमारे संज्ञान में आएगा तब देखा जाएगा।
 

तालाब के लिए चल रहा है जंग

उर्मिला और वन विभाग का अलग-अलग दावा

कैसे सुलझाता है प्रशासन

वर्षों पुराना है मामला

चंदौली जिला के चकिया तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पुरानाडीह में जंगल चुड़िया के पास करीब एक बीघा के तालाब के लिए वर्षों से जंग चल रही है। सच्चाई यह है कि मामला तालाब का नहीं तालाब में पल रही मछलियों से जुड़ा है।

बता दे वर्ष 2007 में गांव के ही राम जी यादव से उर्मिला देवी ने एक बीघा की भूमि वरासत कराई और वरासत करने के पश्चात खुदाई कर तालाब का निर्माण कराया गया उर्मिला देवी के पुत्र चंदन यादव ने तालाब में मछलियों का बच्चा छोड़ दिया। करीब कई वर्षों के बाद मछलियों के बच्चे बड़े हो गए तब जाकर गांव के ही विपक्षीगढ़ बहादुर साहनी, चंद्रमा साहनी, राकेश साहनी, विजय साहनी तथा गौतम साहनी ने तालाब को अपना बताते हुए दावा करने लगे। बीते शनिवार को मछली मारने को लेकर आपसी विवाद दोनों पक्षों में शुरू हो गया।

talab dispute

 मामले को बढ़ता देख रामपुर चौकी प्रभारी धर्मेंद्र शर्मा ने दोनों पार्टी के एक-एक लोगों का 151 में चालान कर दिया। और मछली न मारने को लेकर सख्त हिदायत दोनों पक्ष को दिया। हालांकि उर्मिला देवी के पुत्र चंदन यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें थाने में बैठाकर विपक्षी ने बीतें शनिवार की शाम को जाल फेंककर 5-6 कुंतल मछली मरवा दिया। जिससे उन्हें भारी छती उठानी पड़ी है। पीड़ित उर्मिला देवी पति नंदू यादव तथा पुत्र चंदन यादव ने स्थानीय प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाई है। हालांकि प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेने मे शिथिलता जता रही है। अगर इस मामले में ऐसे ही दिन पर दिन विवाद चलता रहा मछली के लिए तो भविष्य में कभी भी दो पक्षों के बीच विवाद देवरिया कांड का रूप ले लेगा। हालांकि वन विभाग भी तालाब को अपना बता रहा है। आखिर तालाब किसका है तालाब में पल रही मछलिया किसका है यह विचारणीय प्रश्न बना हुआ है।

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वन विभाग को पता नहीं और तालाब में मछलियां पल रही हैं। इस मामले में जब हल्का लेखपाल से बात किया गया तो उन्होंने बताया मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। जब हमारे संज्ञान में आएगा तब देखा जाएगा। जबकि पूर्व में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहे प्रेम प्रकाश मीणा ने तालाब को लेकर आदेश दिया था कि उर्मिला देवी के एक बीघा भूमि सटे हुए कुछ अंश वन विभाग का है। तो इतना दिन से वन विभाग क्यों गंभीर निंद्रा मे सो रहा है कि अपनी संपत्ति की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। खैर दोनों पक्षों ने तालाब को अपना बताने अमादा है। देखना है तालाब के विवाद  को सुलझाने में प्रशासन कितना सक्रियता दिखाता है।

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