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सपहीं जंगल में धड़ल्ले से हो रही शीशम-सागौन की अवैध कटाई, सब कुछ जानकर खामोश रहता है वन विभाग

समाजसेवी व वृक्ष बंधु डॉ. परशुराम सिंह ने वन क्षेत्र से लगातार पेड़ों की इस कदर हो रही कटाई पर गहरा दुख जताया। उन्होंने बताया कि पेड़ों को काटने वाले कभी भी सुखी जीवन नहीं जी सकते।
 

चकिया के सपहीं जंगल और सब्जी मंडी क्षेत्र में दिनदहाड़े कटाई

पेड़ों की बेरोकटोक कटाई से जंगलों की हरियाली पर संकट

वन विभाग की लापरवाही से सक्रिय हो रहे लकड़ी माफिया

समाजसेवी डॉ. परशुराम सिंह ने जताई चिंता

चंदौली जिले के वन रेंज के सपहीं जंगल में इन दिनों कीमती पेड़ों शीशम और सागवान की कटाई धड़ल्ले से जारी है। वन विभाग की सुस्ती से जंगली व वन क्षेत्र में लकड़ी माफिया की सक्रियता बढ़ गई है। जिससे जंगलों से कीमती और बड़े पेड़ गायब होते जा रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले दिनों चकिया वन रेंज क्षेत्र के सपहीं जंगल के साथ-साथ नवीन सब्जी मंडी के आसपास के जंगलों में आग लग गई थी। आग की चपेट में आने से जंगली झाड़ियां और कई कीमती पेड़ जलकर राख हो गए थे। जिसका फायदा उठाकर लकड़ी माफिया कई बड़े और हरे भरे पेड़ों को लबे रोड से दिनदहाड़े - काटकर लेकर चलते बने। इसको लेकर वन विभाग सुस्त नजर आया।

वरिष्ठ समाजसेवी व वृक्ष बंधु डॉ. परशुराम सिंह ने वन क्षेत्र से लगातार पेड़ों की इस कदर हो रही कटाई पर गहरा दुख जताया। उन्होंने बताया कि पेड़ों को काटने वाले कभी भी सुखी जीवन नहीं जी सकते। वृक्ष को काटना हत्या के बराबर का अपराध है। उन्होंने आगे चकिया क्षेत्र के साथ-साथ वनांचल के जंगल को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही जंगल से काटे गए पेड़ों की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की। वन क्षेत्र से लकड़ी काटने वाले माफिया के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है, जबकि जंगल कम हो रहे हैं।

इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वन क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व आग लगी थी जिसमें काफी झाड़ियां और कई पेड़ आंख की चपेट में आने से जल गए थे। हालांकि वन क्षेत्र में चोरी छुपे पेड़ों को काटे जाने की जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जा रही है। लगातार वन क्षेत्र में अभियान चलाया जाएगा। अभियान चला कर लकड़ी काटने वालों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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