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डॉ अम्बेडकर को परिनिर्वाण दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि, वक्ताओं ने किया संघर्षों व योगदान को याद

समाजसेवी रामसूचित दुबे ने कहा कि अम्बेडकर साहब दलित उत्थान के लिए लोकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, प्रबुद्ध भारत और जनता जैसी पांच पत्रिकाएं निकालीं।
 

महान विधिवेत्ता व अर्थशास्त्री थे  डॉ अम्बेडकर

महान दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में जाने जाते हैं डॉ अम्बेडकर

खण्ड विकास अधिकारी ने भी दी श्रद्धांजलि

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खंड में बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर शुक्रवार को स्थानीय विकास खण्ड कार्यालय परिसर में श्रद्धाजलि सभा व गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

इस दौरान उपस्थित वक्ताओं ने उनके कार्यों पर प्रकाश डालते हुये उनके जीवन संघर्षों को याद किया गया। इस दौरान खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक महान विधिवेत्ता,अर्थशास्त्री, और समाज सुधारक थे। वे भारत के संविधान के शिल्पकार और स्वतंत्र भारत के पहले विधि एवं न्याय मंत्री थे।अंबेडकर ने समाज में फैले सामाजिक भेदभाव और असमानता के ख़िलाफ़ आजीवन संघर्ष किया। वे शोषितों और वंचितों, महिलाओं के अधिकारों के पैरोकार थे तथा दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की बेहतरी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

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ग्राम प्रधान बदरूद्वजा अंसारी ने कहा कि अम्बेडकर स्वतंत्रता, समानता,बंधुता और न्याय के पक्षधर थे। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का भी समर्थन किया था। समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव महमूद आलम ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर 32 डिग्रियों के साथ 9 भाषाओं के जानकार थे।

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मौके पर प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष पवन सिंह ने कहा कि अम्बेडकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मात्र 2 साल 3 महीने में उन्होंने 8 साल की पढ़ाई पूरी की। वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 'डॉक्टर ऑल साइंस' नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति हैं। वे आधुनिक भारत के निर्माता थे।

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एडीओ को आपरेटिव सुनील पाल ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था कि छुआछूत गुलामी से भी बदतर है। उन्होंने देश से छुआछूत हटाने के काफी प्रयास किए। समाजसेवी रामसूचित दुबे ने कहा कि अम्बेडकर साहब दलित उत्थान के लिए लोकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, प्रबुद्ध भारत और जनता जैसी पांच पत्रिकाएं निकालीं। समाजसेवी देवानंद महर्षि ने कहा कि बाबा साहब की यह सोच थी कि महिलाओं की उन्नति तभी हो सकती है जब उन्हें घर परिवार समाज सभी जगह समान दर्जा और अवसर मिले। शिक्षा और संपत्ति में अधिकार उन्हें सामाजिक बराबरी दिलाने में मददगार साबित होगा। इसके लिए उन्होंने देश के पहले कानून मंत्री के रूप में हिंदू समाज में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए हिंदू कोड बिल लोकसभा में पेश किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राकेश सिंह, डॉ जकारिया अंसारी, रिंकू यादव, देवानंद महर्षि, मुन्ना भास्कर, कमला राम, सतीश, अजय, प्रधान संघ के अध्यक्ष पवन सिंह, नीरज सिंह, शिवकुमार, संत राम सन्त, उपेन्द्र मिश्र, जितेंद्र, मदन, मिथिलेश, विनोद यादव कार्यक्रम का संचालन रतीश कुमार ने किया।

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