काकोरी कांड के शहीदों की याद में कवि सम्मेलन, गीत के माध्यम से दी गई श्रद्धांजलि
भगत सिंह पार्क गांधीनगर में आयोजन
देशभक्तों को दी गयी श्रद्धांजलि
भारत जागरण यात्रा के कलाकारों ने सुनाए गीत
विदित हो कि 96 वर्ष पहले 17 दिसंबर 1927 को अमर शहीद राजेंद्र लाहिड़ी तथा 19 दिसंबर 1927 को काकोरी काण्ड के शहीदों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को अलग अलग जेलों में दमनकारी साम्राज्यवादी अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी दी गई थी।
कवि सम्मेलन में भारत जागरण यात्रा के कलाकारों ने कॉमरेड शांभवी के नेतृत्व में भगत सिंह और शहीदों की याद में एक शानदार जागरण गीत प्रस्तुत करके गोष्ठी को जोश से भर दिया। इन विद्यार्थियों ने जनता को चिंतन का स्तर ऊंचा उठाने को सोचने पर विवश कर दिया। कवि राजू प्रसाद ने ये कैसा स्वराज है, कविता से सबको प्रेम का पाठ पढ़ाया।
सांस्कृतिक मंच के संयोजक कवि मूसे मोहम्मद जानी ने ' उजड़े पावे न देशवा हमार वीरना ' गीत के माध्यम से शहीदों के अधूरे सपनों की पीड़ा को व्यक्त किया। वहीं क्रांतिकारी कवि वसीम अहमद ने पूंजीपतियों की सोच पर अपनी कविता से देश विरोधी देशी विदेशी पूंजीपतियों के षड्यंत्र का पर्दाफाश करने की कोशिश किया । कवि अलियार ने ' सारे जहां से सुंदर मेरा हिंदुस्तान ' कविता से सबको मोहित कर लिया । इनके अतिरिक्त केशव राजभर , पूनम भारती सहित अन्य अनेक कवियों ने अपनी कविता के माध्यम से काकोरी काण्ड के महान अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस दौरान मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम बिहारी सिंह , इंडियन नेशनल पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यनाथ सिंह , मजदूर क्रांति परिषद के लक्ष्मी जी , जनचेतना यात्रा के मार्गदर्शक अमिताभ भट्टाचार्य , अखिल हिन्द फॉरवर्ड क्रांतिकारी दल के बालगोविंद जी , CPIML के बिहार प्रतिनिधि सुभाष यादव , AIPF के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय आदि ने अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ गीता शुक्ला तथा संचालन मिश्री लाल पासवान ने किया ।
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