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मानव को अपने स्वार्थ को छोड़कर धरती को बचाने में आगे आना होगा

वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि वृक्ष से मनुष्य के जीवन की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। वृक्ष से जल, वृक्ष से पर्यावरण प्रदूषण का निराकरण है तथा वृक्ष से मानव जीवन को ऑक्सीजन का विकल्प है। इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि धरती पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं।
 

विश्व पृथ्वी दिवस की पूर्व संध्या पर बोले वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह

 

 चंदौली जिला के चकिया तहसील अंतर्गत सैैदूपुर में विश्व पृथ्वी दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ख्याति से नवाजे गए वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मनुष्य अगर अपने स्वार्थ को नहीं छोड़ा तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी से स्वच्छ हवा और स्वच्छ जल खत्म हो जाएगा।

 उन्होंने कहा कि धरती को माता कहा जाता है। माता उसे कहते हैं जो जीवन देती है पृथ्वी हमें जीवन देती है। हम सभी को जीवन जीने के लिए अन्न, जल, शुद्ध हवा प्रदान करती है। जिस दिन धरती से यह तीनों चीजें मिलना बंद हो जायेगा मनुष्य का जीवन समाप्त हो जाएगा। कहा कि संयोग ऐसा है कि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन अक्षय तृतीया भी है, और भगवान परशुराम छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुष का जन्म भी हुआ है। इसके अलावा कई पर्वों का एक साथ संगम हो रहा है जो हर तरह से शुभ कार्य करने योग्य एवं फलदाई होता है। अक्षय तृतीया के दिन किया हुआ कोई भी कार्य का क्षय नहीं होता है। ऐसे शुभ दिन पर विश्व पृथ्वी दिवस है आज हम सभी लोगों को धरती को हरा भरा बनाए रखने तथा मानव जीवन को बचाए रखने के लिए संकल्प लेना होगा। क्योंकि जितना जरूरी वृक्ष लगाना है उतना ही उसे संरक्षित करना है। 

वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि वृक्ष से मनुष्य के जीवन की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। वृक्ष से जल, वृक्ष से पर्यावरण प्रदूषण का निराकरण है तथा वृक्ष से मानव जीवन को ऑक्सीजन का विकल्प है। इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि धरती पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं। आज जो अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है उसे संकल्पित होकर रोकने के लिए सबको आगे आना होगा, तभी मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। वर्ना एक दिन ऐसा आएगा जब धरती से स्वच्छ हवा, और स्वच्छ जल का मिलना बंद हो जाएगा और मानव जीवन को बचाना मुश्किल भरा कार्य होगा।

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