विश्व वानिकी दिवस के पूर्व संध्या पर वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह की अपील

जलवायु परिवर्तन से धरती हो रही है गर्म
ग्लेशियर पिघलने का मंडरा रहा है खतरा
विश्व वानिकी दिवस पर लोगों को जागरुक कर रहे हैं वृक्षबंधु डॉ परशुराम सिंह
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड के कटवां माफी गांव निवासी पर्यावरण विद् वृक्ष बंधु डॉक्टर परशुराम सिंह ने विश्व वानिकी दिवस के पूर्व संध्या पर कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। धरती गर्म होती जा रही है। जिससे ग्लेशियर पिघलने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। जो चिंता का विषय बना हुआ है। पर्यावरण को सुरक्षित रखना है तो वनों को बचाएं रखना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते दुष्प्रभाव से पर्यावरण प्रदूषित होता जा रही है। जिसका समाधान सिर्फ वृक्ष है। प्रकृति ने धरती पर वृक्ष एक ऐसा हथियार दिया है जिसमें हर समस्या का समाधान भरा हुआ है। वृक्ष से जल, वृक्ष से श्वास इन दोनों से ही जीवन निर्भर है। वृक्ष हमें जीवन से लेकर मरण तक काम में आता है। हरे भरे वृक्ष जल और जीवन देते हैं तो सुखे वृक्षों की लकडियां भोजन पकाने के काम से लेकर अंतिम संस्कार तक काम में आती है।

डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि इसलिए मानव जीवन का पेड़ पौधों से गहरा लगाव है। वनों के हो रहे दोहन को बचाने के लिए जागरूकता की जरूरत है। सभी लोगों को अपने हाथों से अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर उसके संरक्षित करने का दायित्व उठाना होगा। तभी मानव जीवन सुरक्षित रहेगा।
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