चंदौली जिले में बनेंगे 50 नए आंगनबाड़ी केंद्र, नवनिहालो का बनेगा भविष्य
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चंदौली जिले में 50 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। विभाग स्थान के चयन समेत जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुटा है।
बताते चलें कि वर्तमान में जिले में 1823 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। कुछ किराए के भवनों में चल रहे हैं। खुद का आंगनबाड़ी केंद्र होने की वजह से कार्यकर्ताओं को कामकाज निबटाने में सहूलियत होगी। वहीं किराए पर खर्च होने वाली धनराशि भी बचेगी।
शासन स्तर से चयनित एजेंसी ही भवन का निर्माण कराएगी। सरकार कुपोषण के अभिशाप को खत्म करने के लिए प्रयासरत है। इसके तहत अतिपिछड़े जिले में 50 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
जिले के सभी ब्लाकों में नए आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे। शासन से चयनित एजेंसी ही निर्माण कार्य कराएगी। हालांकि बाल विकास विभाग निर्माण कार्य की निगरानी करेगा। वहीं गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य को संपन्न कराना सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी विभाग की ही होगी।
शासन की पहल से कुपोषण के खिलाफ जंग कारगर होगी। नीति आयोग की ओर से अतिपिछड़ा घोषित किए गए जिले में स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष जोर है। जिले में पांच हजार से अधिक अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चे हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं व किशोरियों की संख्या में 50 हजार के पार है। इन्हें विभाग की ओर से राशन, पुष्टाहर, फोर्टिफाइड तेल व दाल का वितरण किया जाता है।
कई स्थानों पर आंगनबाड़ी का खुद का भवन न होने से कार्यकर्ताओं को परेशानी होती है। 50 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण से परेशानी दूर हो जाएगी।
इस सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम मेहता जिले में 50 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। इसको लेकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। भवन के निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
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