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20 साल पुराने मामले में आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा, कानूनगो के चपरासी की गोली मारकर कर दी थी हत्या

चंदौली जिले के जनपद व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बीस साल पुराने मामले में शुक्रवार को आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
 

20 साल पुराने मामले की सुनवाई 

आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

कानूनगो के चपरासी की गोली मारकर हत्या का मामला 

 

चंदौली जिले के जनपद व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बीस साल पुराने मामले में शुक्रवार को आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 

आरोपितों ने 20 वर्ष पहले एक कानूनगो के चपरासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी मामले की न्यायालय में सुनवाई चल रही थी।

आपको बता दें कि वादी राकेश कुमार श्रीवास्तव ने वर्ष 2001 के 29 दिसंबर को सकलडीहा थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि उसका भाई राजेश कुमार श्रीवास्तव सकलडीहा तहसील में कानूनगो का चपरासी था। 

28 दिसंबर को वह ड्यूटी कर अपने घर हेतमपुर वापस लौट रहा था। रास्ते में बभनियांव निवासी राजा गिरी, डेढ़गांवा के गुड्डू सिंह उर्फ राजनाथ सिंह, गौसपुर के बच्चा उर्फ धर्मेंद्र व जयप्रकाश मिल गए। आरोपित उसे अपने साथ डेढ़गांवा मंदिर ले गए। रात आठ बजे कादिराबाद स्कूल पंचायत भवन के पास सिर में गोली मार दी। इससे उसके भाई की मौके पर मौत हो गई।

मामला न्यायालय में पहुंचा। मुकदमे के विचरण के समय अभियुक्त राजा गिरी की मृत्यु हो गयी। जनपद न्यायाधीश ज्योति कुमार त्रिपाठी ने अभियोजन पक्ष की दलील, गवाहों के बयान, चिकित्सकीय प्रपत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कपड़े व कारतूस आदि के रासायनिक परीक्षण के समग्र विश्लेषण के आधार पर आरोपितों को दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

 आरोपितों के खिलाफ दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) शशिशंकर सिंह ने अभियोजन की तरफ से पक्ष प्रस्तुत किया।

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