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चंदौली जिले का पहला बौद्ध बिहार बनकर तैयार, 26 साल बाद पूरा हुआ निर्माण का सपना

चंदौली जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे बसा एक छोटा सा गांव चकिया है, जहां पर तथागत गौतम बुद्ध का एक विशाल मंदिर बनवाया गया है। इसका नाम महाबोधि सम्यक बौद्ध बिहार चकिया रखा गया है।
 

जानिए चंदौली में कहा बना है जिले का पहला बौद्ध बिहार

आप भी कर सकते है बौद्ध बिहार का भ्रमण

 

चंदौली जिले में दीपोत्सव के शुभ अवसर पर जिले में पहला बौद्ध बिहार बनकर तैयार हो गया है और इसे दीपावली के अवसर पर लोगों के लिए खोल भी दिया गया है।


बताते चलें कि चंदौली जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे बसा एक छोटा सा गांव चकिया है, जहां पर तथागत गौतम बुद्ध का एक विशाल मंदिर बनवाया गया है। इसका नाम महाबोधि सम्यक बौद्ध बिहार चकिया रखा गया है। इसका निर्माण सभी बौद्ध  विचरों को मानने वाले व्यक्तियों के द्वारा आपसी आर्थिक सहयोग से कराया गया है। लोग इस बौद्ध बिहार का निर्माण करवा कर काफी खुश दिख रहे हैं। 

Buddha Vihar

इस संबंध में बौद्ध धर्म के प्रचारकों व अनुवाइयों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस बौद्ध बिहार की भाजपा के पूर्व सांसद आनंद रत्न मौर्य ने लगभग सन् 1996 में ही नींव रखी थी। वह चाहते थे कि यहां पर बौद्ध बिहार की स्थापना हो, लेकिन कई कारणों से इसमें विलंब तो हुआ लेकिन अब जाकर यह कार्य पूर्ण हुआ है।  

पूर्व सांसद आनंद रत्न मौर्य के द्वारा पहले के इस बौद्ध बिहार का उनके द्वारा निर्माण कार्य नहीं कराया जा सका। तो लोगों ने इसे अपने दम पर बनाने की तैयारी की। तब जाकर 26 वर्ष बाद उनके अनुवाइयों के द्वारा निर्माण कार्य को संकल्प के साथ पूरा करा दिया गया है। हर क्षेत्र से लोगों के सहयोग से यह कार्य कराया गया है।

इस बारे में गांव के लोगों का कहना है कि जब इसकी नीव रखी गयी थी तब जिले में कोई भी बौद्ध बिहार नहीं था इसलिए इसे जिले का पहला बौद्ध बिहार कहा जा रहा है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इससे आने वाले दिनों में इस बिहार को और भी भव्य तरीके से बड़ा आकार दिया जाएगा, ताकि दूर-दूर तक सैलानी यहां पर आकर तथागत गौतम बुद्ध के द्वारा बताए गए मार्गों का अनुसरण कर सकें और इस बौद्ध बिहार का भ्रमण कर सकें।

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