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कारतूसों के खेल में चंदौली के गन हाउस काम नाम, जल्द होगा खुलासा

चंदौली स्थित एक गन हाउस से भी बिहार में कारतूसों की सप्लाई की जाती थी। अभी उसके नाम का खुलासा नहीं कर रही है, लेकिन कई लोग कयास लगा रहे हैं कि इस खेल में कौन शामिल हो सकता है।
 

बिहार भेजे जाते हैं अवैध तरीके से कारतूस

चंदौली व आसपास के जिले से होती है सप्लाई

कई गन हाउस होते हैं इस खेल में शामिल

बिहार के मोहनिया स्थित डिडखिली टोल प्लाजा के पास एक कार से कारतूसों का जखीरा बरामद होने के बाद उनकी सप्लाई में कई गन हाउसों के शामिल होने की बात संज्ञान में आ रही है। जखीरे की सप्लाई में चंदौली और उसके आसपास के जिलों में गन हाउसों के द्वारा किए जा रहे इस खेल का खुलासा हुआ है।

 पकड़े गए अभियुक्तों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि चंदौली स्थित एक गन हाउस से भी बिहार में कारतूसों की सप्लाई की जाती थी। अभी उसके नाम का खुलासा नहीं कर रही है, लेकिन कई लोग कयास लगा रहे हैं कि इस खेल में कौन शामिल हो सकता है।

आपको बता दें कि इस मामले में चंदौली पुलिस भी सक्रिय हो गई है। हालांकि इस सप्लाई के खेल में उसका पूरा सर्विलांस और सूचना तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। लेकिन मामले में चंदौली के गन हाउस की संलिप्तता आने के बाद पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने मामले में जांच पड़ताल करने की बात कही है। अंकुर अग्रवाल ने कहा है कि बिहार में पकड़े गए करतूतों की सप्लाई के खेल में चंदौली व अन्य जिलों के भी लोग शामिल होने की बात सामने आई है। इसमें जिले के एक गन हाउस संचालक व अन्य की भूमिका जांच के घेरे में आ गई है।

 आपको बता दें कि बिहार में टोल प्लाजा के पास कुल 2200 कारतूस बरामद किए गए थे, जिसमें सबसे ज्यादा 315 बोर के कारतूस हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार टीम ने पूछताछ की तो पता चला कि चंदौली के एक गन हाउस से भी कारतूस की सप्लाई की जाती थी। बिहार के टोल प्लाजा से 17 नवंबर को पकड़े गए कारतूसों के इस जखीरे में बिहार के विपिन पासवान, प्रशांत कुमार, ओम प्रकाश तथा सोनू सिंह पकड़े गए थे। इनसे पूछताछ जारी है। इन से मिली जानकारी के आधार पर कई लोगों पर शिकंजा कसने की उम्मीद है।

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