साइबर अपराध से बचाने के लिए पुलिस दे रही है यह जानकारी, जानिए और बचिए
चंदौली पुलिस की सलाह मानकर ठगी से बचें
साइबर अपराध पर ये हैं चंदौली पुलिस के टिप्स
पुलिस चला रही है अभियान
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर साइबर अपराध के प्रति आम लोगों को जागरुक करने हेतु दिए गए निर्देश के क्रम में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल की सलाह से चन्दौली पुलिस की साइबर सेल एवं थाना पुलिस टीमों द्वारा लोगों को साइबर अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है।
इसके लिए जनपद के समस्त थानों पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गयी है। वहां पर नियुक्त प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी व कर्मचारीगण द्वारा थाना क्षेत्रों में बैंकों, डिग्री कॉलेजों, स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थानों पर जाकर सभी को साइबर से सम्बन्धित होने वाले अपराध पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए इन्टरनेट बैकिंग, एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ओलेक्स फ्रॉड, वालेट व यूपीआई संबंधित धोखाधड़ी में सावधानियां बरतने की बातें सिखायीं और बतायी जा रही हैं।
साथ ही लोगों को फेसबुक हैकिंग, बारकोड के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, व्हाट्एप हैकिंग से बचाव, फर्जी वेबसाइट से होने वाले फ्रॉड के संबंध में सावधानियां, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, व्हास्टएप आदि सोशल साइट्स से हनी ट्रैप होने के संबंध साइबर अपराध एवं सिम कार्ड के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, ATM कार्ड बदलकर होने वाले फ्रॉड , डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, बायोमैट्रिक फ्रॉड, यूपीआई सम्बन्धी फ्रॉड, फोन काल के माध्यम से होने वाले फ्रॉड, पालिसी ,चिट फण्ड,लाटरी का लालच देकर होने वाले फ्रॉड, ऑनलाइन एप्प के माध्यम से सामान खरीदने व बेचने से सम्बन्धित फ्रॉड तथा सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों के बारे में के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देकर जागरुक कर तथा साइबर जागरूकता सम्बन्धित पम्पलेट भी वितरित किये जा रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित कुछ जरुरी बातें जो सदैव ध्यान में रखना चाहिये...
(1) सबसे पहले तो यह समझ लें कि ओटीपी तभी आपके मोबाइल पर आता है, जब हम किसी लेनदेन या वेरिफिकेशन के लिए रिक्वेस्ट करते हैं। अगर आप कोई लेनदेन नहीं कर रहे हैं फिर भी आपके मोबाइल पर ओटीपी आ जाए तो सतर्क हो जाएं।
(2) किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा पेमेंट भुगतान/प्राप्त करने के लिए भेजे गये किसी भी QR Code को स्कैन न करें अन्यथा आपका खाता खाली हो सकता है।
(3) क्रेडिट कार्ड के प्रयोग से बचें। कई एप (Navi, PaySense, Dhani, Nira, Money View, Home Credit, CASHe, Zest Money, mPocket etc.) आपसे बैंकिंग सम्बंधित कागज, फोटो, पैनकार्ड, आधारकार्ड लेकर तत्काल लोन दे रहे हैं एवं बाद में आपकी निजी जानकारियां सार्वजनिक पोर्टल पर शेयर कर आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं। इसलिए ऐसे लोन लेने से बचें।
(4) लॉटरी, केबीसी, आवास दिलाने के नाम पर जनता को गुमराह कर उनसे बैंक सम्बन्धित जानकारी के नाम पर आधार कार्ड, पैनकार्ड, फोटो लेकर ठगी की जा रही है। किसी भी प्रकार के लालच में आकर किसी को पैसे न दें।
(5) किसी भी प्रकार की बैंकिंग सहायता के लिए गूगल द्वारा मिले नंबरों पर सम्पर्क न करें, बैंक द्वारा जारी किये गये हेल्पलाइन नंबरों पर ही संपर्क करें।
(6) किसी भी अंजान नंबर से आई कॉल पर सामने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की निजी/गोपनीय जानकारी न दें। अन्यथा आपसे ठगी की जा सकती है।
(7) सिम धारकों के पास अक्सर सिम बंद या केवाईसी समाप्त/अपडेट के मैसेज आते हैं, जिसमें एक संदिग्ध मोबाइल नंबर रहता है। ऐसे मैसेज आने पर घबरायें नहीं और न ही दिए गए नंबर पर कॉल करें।
(8) जनपद के सभी दुकानदारों से अपील है कि अंजान व्यक्ति द्वारा फोन कॉल/व्हाटसअप के माध्यम से कोई भी सामान का आर्डर न लें और न ही पैसों के लेनदेन हेतु QR कोड को स्कैन करें/न ही भेजे गए लिंक पर क्लिक करें। अन्यथा आपको गुमराह कर आपसे ठगी की जा सकती है।
(9) सोशल मीडिया प्लेटफार्म (फेसबुक, व्हाटसअप) पर किसी भी अंजान व्यक्ति से मि़त्रता न करें अन्यथा आप ब्लैकमेलिंग या साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।
(10) विभिन्न सोशल साइट्स पर सस्ते व लुभावने ऑफर दिखाकर आपको गुमराह किया जाता है। इससे भी बचें। साइबर ठग आपसे ठगी कर सकते हैं।
(11) किसी भी अंजान व्यक्ति के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे- व्हाटसअप, फेसबुक, मेसेंजर, टिवटर, टेलीग्राम आदि पर किसी भी प्रकार की निजी जानकारी यथा-एटीएम पासवर्ड, खाता संख्या, यूपीआइ पिन, पासवर्ड इत्यादि गोपनीय बातों को कभी भी शेयर/पोस्ट न करें।
(12) QR Code स्कैन करने से हमेशा आपके खाते से पैसे कटते हैं। अंजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए QR Code स्कैन न करें।
रिटायरमेंट/पेंशनरों के लिए साइबर सुरक्षा टिप्स-
(1) रिटायरमेंट होने के बाद बैंक सम्बन्धित निजी जानकारी जैसे- बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड/क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड किसी को न दें।
(2) पेंशनर खाते में कोई भी समस्या आने पर गूगल से नंबर निकाल कर कॉल न करें। इसके लिए ट्रेजरी कार्यालय जाकर ही संपर्क करें ताकि ठगी न हो सके।
(3) सभी पेंशनर अपने मोबाइल नंबर को बैंक खाते से अपडेट रखें एवं एटीएम कार्ड का पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें।
(4) साइबर अपराधी रिटायरमेंट के पैसे ट्रांसफर करने के लिए गुमराह कर वेरिफिकेशन कोड/ओटीपी मांगते हैं, इसलिए फोन पर किसी को कुछ न बतायें।
(5) पेंशनर होने के बाद बैंक में जाकर अपनी निजी जानकरी किसी अजनबी के साथ शेयर न करें अन्यथा वहां मौजूद शख्स भी फर्जीवाड़ा कर सकता है।
(6) किसी अजनबी के द्वारा कहने से फोन कॉल पर कोई भी एप इन्स्टाल न करें, इससे आपका फोन हैक हो सकता है।
(7) अब ट्रेजरी विभाग की तरफ से फोन कॉल पर कोई जानकसारी नहीं मांगी जाती है, इसलिए ऐसी कॉल आने पर तुरंत कॉल कट कर दें।
(8) फोन पर बात करते हुये बैंक से सम्बन्धित कोई काम न करें, इसके लिए सीधे बैंक या ट्रेजरी कार्यालय में जाएं।
किसी भी प्रकार की साइबर अपराध से सम्बंधित सहायता के लिए 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर विजिट करें।
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